बेवफा का कंहर
बेवफा के कंहर से
शायद ही बचा होगा कोई
फूलों की राहों में .......।
खून से लथपथ होगा कोई
जाने कब से भंवर में पड़ीं हैं
समन्दर में लावारिस कस्तियां.......।
जरूर उनसे मोहब्बत का नाटक
किया होगा कोई...........!
हंसते खिलखिलाते चेहरे को
दामने उल्फत में अपने
जरूर फंसाया होगा कोई
ये मंज़र बयां करते हैं
जिगर पर बीते हुए जर्ख
ज़रूर अपना बनाकर
छोड़ा होगा कोई
लहू से रंगा हुआ ये दरिया का पानी
जहां तक जाएगा बयां करेगा प्यार की कहानी
वो पत्थर दिल तो होंगें ही
जो रच दी ऐसी जिंदगानी
*Cp Rajbhar*
लेखक-swa मुम्बई