सीरीज-चांद चिंतन
कलाकार-चंद्रपाल राजभर
(वैज्ञानिकवादी सामाजिक कला चिंतक इंडिया)
शीर्षक -जीवत्व
माध्यम-एक्रेलिक कलर
अनुपात- 24*36
आधार-कैनवस
सृजित वर्ष- 2013
रंग संयोजन-सफेद,लाल,ब्लैक
जीवक्त- जीव की एक कहानी ही नहीं अपितु जीवन है।यह कलाकृति चांद पर जीवों के अस्तित्व की बात करती है सब जानते हैं कि चांद पर जीवन नहीं है लेकिन कलाकार की तूलिका कहती है कि समय परिवर्तनशील है।समय के साथ प्रकृति परिवर्तन से गैसों के संयोजन से चांद पर जीवों का बीजारोपण होगा।आज नहीं तो कल यह सच साकार होगा।
वहीं धरती की बात करें तो यह कलाकृति धरती के जीवों के भी अस्तित्व की बात करती है इस कलाकृति में कलाकार या बताना चाहता है कि इस धरा पर जीवन का अस्तित्व कण-कण पर है और हर जीव अपने आप में अद्भुत है जिसका रूप समय दर समय परिवर्तित हो रहा है इस कलाकृति का उद्देश्य यही है कि व्यक्ति को जीवों पर दया करनी चाहिए वरना जिस तरह से मानव वनो जंगलों को काटकर प्रकृति का दोहन कर अपना विकास करने में जुटा है इससे जीवों का अस्तित्व खतरे में तो है ही साथ-साथ सृष्टि की भी शोभा बढ़ाने वाले जीवों का भी अस्तित्व समाप्त हो रहा है ऐसे में मानव प्रजाति को चाहिए कि जीवों पर दया कर उपकार करें।यह कलाकृति लाल,सफेद और ब्लैक रंगों के संयोजन से कैनवस पर बनाई गई है कलाकार ने बड़े ही मार्मिक भाव से इस कलाकृति को सृजित किया है
लेखक
आर्टिस्ट चंद्रपाल राजभर
वैज्ञानिकवादी सामाजिक कला चिंतक इंडिया
Web-www.chandrapal.co.in
Email-chandrapal6790@gmail.com
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