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डिजिटल मार्केटिंग में बनाये अपना कैरियर
डिजिटल मार्केटिंग इंटरनेट पर डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने वाले उत्पादों या सेवाओं का विपणन है, जिसमें मोबाइल फोन ऐप्स के माध्यम से, प्रदर्शन विज्ञापन और किसी भी डिजिटल माध्यम का उपयोग शामिल है। डिजिटल मार्केटिंग चैनल इंटरनेट पर आधारित सिस्टम हैं जो डिजिटल नेटवर्क द्वारा निर्माता से टर्मिनल उपभोक्ता तक उत्पाद मूल्य को बना सकते हैं, बढ़ा सकते हैं और प्रसारित कर सकते हैं।
खोज इंजन अनुकूलन (एसईओ), खोज इंजन विपणन (एसईएम), सामग्री विपणन, प्रभावित विपणन, सामग्री स्वचालन, अभियान विपणन, डेटा-संचालित विपणन, ई-कॉमर्स विपणन, सोशल मीडिया विपणन, सोशल मीडिया जैसे डिजिटल विपणन के तरीके अनुकूलन, ई-मेल प्रत्यक्ष विपणन, प्रदर्शन विज्ञापन, ई-पुस्तकें, और ऑप्टिकल डिस्क और गेम आम हो गए हैं। डिजिटल मार्केटिंग गैर-इंटरनेट चैनलों तक फैली हुई है, जो डिजिटल मीडिया, जैसे कि टेलीविज़न, मोबाइल फोन (एसएमएस और एमएमएस), कॉलबैक और ऑन-होल्ड मोबाइल रिंग टोन प्रदान करते हैं। गैर-इंटरनेट चैनलों का विस्तार ऑनलाइन मार्केटिंग से डिजिटल मार्केटिंग को अलग करता है।
डिजिटल मार्केटिंग की योग्यता एवं आवश्यक
डिजिटल मार्केटिंग क्या है?
डिजिटल मार्केटिंग का लाभ
डिजिटल मार्केटिंग का महत्व
डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार
डिजिटल मार्केटिंग की उपयोगिताएं
सिलेबस
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स कैसे करें?
लोकप्रिय कोर्सेज
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स कितने महीने का होता है?
डिजिटल मार्केटिंग सीखने के लिए विदेशी यूनिवर्सिटीज
टॉप भारतीय डिजिटल मार्केटिंग संस्थान
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स फीस
योग्यता
आवेदन प्रक्रिया
यूके के लिए आवेदन प्रक्रिया
आवश्यक दस्तावेज
डिजिटल मार्केटिंग के लिए बेस्ट पुस्तकें
प्रवेश परीक्षाएं
डिजिटल मार्केटिंग में करियर
टॉप रिक्रूटर्स
डिजिटल मार्केटिंग सैलरी
डिजिटल मार्केटिंग क्या है?
आज से कुछ साल पहले लोग अपनी वस्तुओं को बेचने के लिए विभिन्न प्रकार के तरीके जैसे पोस्टर,टेम्प्लेट, विज्ञापन, अखबारों द्वारा अपनी वस्तुओं की मार्केटिंग करते थेऔर ग्राहकों तक पहुंचाते थे। लेकिन ये सब क्रियाएं (साधन) बहुत ही कम ग्राहकों को लुभा पाती थी, इसलिए व्यापारियों ने अपनी चीजों की मार्केटिंग का तरीका बदला और आजकल हर कोई ऑनलाइन खरीदारी, पैसे भेजने हो या लेने हो, पढ़ाई से जुड़े विभिन्न प्रकार के कोर्स आदि अपने फोन या लैपटॉप से आसानी से कर सकते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग, यह शब्द साल 2000 के बाद ज्यादा लोकप्रिय होना शुरू हुआ। जब इंटरनेट में सर्च इंजन मार्केटिंग, सोशल मीडिया, ऐप्स आदि का विकास हुआ तब से यह शब्द लोगों के लिए आम बन गया। डिजिटल मार्केटिंग वह है जिसमें हम अपने मोबाइल और कंप्यूटर जैसे डिजिटल उपकरणों द्वारा अपने प्रोडक्ट को विश्व स्तर पर प्रचार कर सकते हैं। 1980 के दशक में सर्वप्रथम कुछ प्रयास किये गये डिजिटल मार्किट को स्थापित करने में परंतु यह सम्भव नही हो पाया । 1990 के दशक मे आखिर मे इसका नाम व उपयोग शुरु हुआ।
डिजिटल मार्केटिंग का लाभ
यह बहुत कम पैसों में की जा सकती है। इसे आप INR 100 या 1,000 से भी शुरू कर सकते हैं।
यह हम सिर्फ और सिर्फ उन्हीं लोगों तक अपने विज्ञापनों को पहुंचा सकते हैं जिन्हें हमारे प्रोडक्ट्स या फिर सर्विसेज की जरूरत है। जबकि ट्रेडिशनल मार्केटिंग में ऐसा संभव नहीं है।
डिजिटल मार्केटिंग करने में आसान है।
साथ ही साथ हम आसानी से अपने कैंपेन में जरूरी बदलाव कर सकते हैं।
इसमें प्राय: कन्वर्शन रेट अच्छा होता है। यानी लोग जल्दी से ग्राहक बन जाते हैं।
इंटरनेट मार्केटिंग में जॉब के कई विकल्प हैं।
इंटरनेट मार्केटिंग की मुख्य अवधारणाओं को मजबूत करना।
अपनी मौजूदा व्यावसायिक वेबसाइट या ब्लॉग का प्रचार करना।
आपकी SEO टीम कैसे काम कर रही है, इसकी बेहतर निगरानी कर सकते हैं।
इंटरनेट मार्केटर्स के रूप में घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) से एक फ्रीलान्स के रूप में काम कर सकते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग का महत्व
Digital Marketing kya hai जानने के साथ-साथ यह जानना भी ज़रूरी है कि यह क्यों आवश्यक है,, जो इस प्रकार हैं:
यह दौर टेक्नोलॉजी का है
और इस आधुनिक समय में हर वस्तु में टेक्निकल विकास हुआ है, इंटरनेट भी इसी आधुनिकता का हिस्सा है।
आज का समाज समय की कमी से परेशान है, इसलिए यह यह काफी आवश्यक हो गया है।
जनता इंटरनेट द्वारा अपनी सुविधा अनुसार अपना मनपसंद व आवश्यक सामान आसानी से प्राप्त कर सकती है ।
कोरोनावायरस के दौर में लोग बाज़ार जाने से बचते हैं ऐसे में यह बिज़नेस को अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज लोगों तक पहुंचाने में मदद करती है।
यह कम समय में एक ही वस्तु के कई प्रकार दिखा सकता है और उपभोक्ता को जो पसंद है वे तुरंत उसे ले सकता है। इस माध्यम से उपभोकता का बाज़ार जा कर वस्तु पसंद करने व आने-जाने में जो समय लगता है वो बच जाता है।
इसके द्वारा व्यापारी भी कम समय में अधिक लोगो से जुड़ सकता है और अपने उत्पाद की खूबियाँ उपभोक्ता तक पहुँचा सकता है।
यह तो आप सबको पहले से ही पता है कि परिवर्तन जीवन का नियम है ,पहले के समय में और आज के जीवन में कितना बदलाव हुआ है और आज इंटरनेट का जमाना है।
इसकी की मांग वर्तमान समय में बहुत ही मजबूती से देखने को मिल रही है। व्यापारी जो अपना सामान बना रहा है,वो बिना किसी तीसरे व्यक्ति के अपने सामानों को आसानी से ग्राहकों तक पहुंचा रहा है। इससे व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है ।
आज के समय में हर व्यक्ति Google, Facebook और YouTube आदि उपयोग कर रहा है, जिसके द्वारा व्यापारी अपने उत्पाद ग्राहकों को दिखाता है।
डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार
डिजिटल मार्केटिंग करने के लिए इंटरनेट एकमात्र साधन है, इसके प्रकार नीचे दिए गए हैं-
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO): यह एक ऐसी तकनीक (माध्यम) है जो आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन के परिणाम पर सबसे ऊपर जगह दिलाता है जिससे व्यूअर्स की संख्या में वृद्धि होती है। इसके लिए हमें अपनी वेबसाइट को कीवर्ड्स और SEO गाइडलाइन्स के मुताबिक बनाना होता है।
सोशल मीडिया: सोशल मीडिया कई प्रकार की वेबसाइटों जैसे Facebook, Twitter, Instagram, LinkedIn आदि से मिलकर बना है। सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्ति अपने विचारों, भावों को हजारों लोगों के सामने रख सकता है। जैसा कि आप सब ने देखा होगा कि जब हम ये साइटों को देखते हैं, तो इस पर थोड़ी-थोड़ी देर में विज्ञापन दिखते हैं यह विज्ञापन आपकी पसंद से जुड़े हो भी सकते हैं और नहीं भी।
ईमेल मार्केटिंग: ईमेल मार्केटिंग हर प्रकार से हर कंपनी के लिए आवश्यक है क्योंकि कोई भी कंपनी नये प्रस्ताव और छूट ग्राहकों को समय अनुसार इसके द्वारा देते हैं जिसके लिए ईमेल मार्केटिंग, डिजिटल विपणन का एक सुगम रास्ता है। किसी भी कंपनी द्वारा अपने उत्पादों को ईमेल द्वारा पहुंचाने को ईमेल मार्केटिंग कहते है।
यूट्यूब चैनल: यूट्यूब, सोशल मीडिया मार्केटिंग का एक ऐसा माध्यम है जिसमे उत्पादक अपने प्रोडक्ट्स को लोगों के सामने सीधा पहुंचा सकता है।
एफिलिएट मार्केटिंग: वेबसाइट, ब्लॉग और लिंक्स के माध्यम से उत्पादों के विज्ञापन करने को एफिलिएट मार्केटिंग कहा जाता है। इसके अन्तर्गत आप अपना लिंक बना कर अपने उत्पाद को उस लिंक पर अपलोड करते हैं। जब ग्राहक उस लिंक द्वारा आपका उत्पाद खरीदता है तो आपको उस पर मेहनताना मिलता है।
एप्स मार्केटिंग: इंटरनेट पर अलग-अलग प्रकार के एप्स बनाकर लोगों तक पहुंचने और उन एप्स द्वारा अपने उत्पाद का प्रचार करने को ही एप्स मार्केटिंग कहते हैं । आजकल बड़ी संख्या में लोग स्मार्टफोन्स का उपयोग कर रहे हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने एप्स बनाती हैं और एप्स को लोगों तक पहुंचाती है।
डिजिटल मार्केटिंग की उपयोगिताएं
डिजिटल मार्केटिंग की उपयोगिता के बारे में हम आप को बता रहे हैं –
आप अपनी वेबसाइट पर ब्रोशर बनाकर उस पर अपने उत्पाद का विज्ञापन लोगों के लेटेर-बॉक्स पर भेज सकते हैं। कितने लोग आपको देख रहे हैं यह भी पता लगाया जा सकता है।
वेबसाइट ट्रेफ़िक- सबसे ज्यादा दर्शकों की भीड़ किस वेबसाइट पर है – पहले ये आप जान ले , फिर उस वेबसाइट पर अपना विज्ञापन डाल दें ताकी आपको अधिक लोग देख सकें ।
एट्रीब्यूशन मॉडलिंग – इसके द्वारा आप यह पता कर सकते है की आजकल लोग किस उत्पाद में रुचि ले रहे हैं या किन-किन विज्ञापनों को देख रहे हैं ।
आप अपने उपभोक्ता से किस प्रकार सम्पर्क बना रहे हैं यह विषय महत्वपूर्ण है। आप उनकी आवश्यक्ता के साथ पसंद का भी ध्यान रख सकते हैं।
सिलेबस
Digital Marketing kya hai जानने के साथ-साथ इसका सिलेबस भी जानना आवश्यक है। हालांकि डिजिटल मार्केटिंग कोर्सेज के लिए वास्तविक सिलेबस की पेशकश मुख्य रूप से कोर्स लेवल के साथ-साथ इंस्टिट्यूट के अनुसार भिन्न होगी, कुछ मुख्य विषय हैं जो सभी स्तरों पर ऐसे कोर्सेज में शामिल हैं।
डिजिटल मार्केटिंग सिलेबस के अंतर्गत शामिल प्रमुख विषयों की सूची दी गई है:
इंट्रोडक्शन टू डिजिटल मार्केटिंग
SEO ऑप्टिमाइजेशन
इंट्रोडक्शन टू CRM
ईमेल मार्केटिंग
कॉम्पिटिटर एंड वेबसाइट एनालिसिस
मार्केट रिसर्च
कंटेंट क्रिएशन, मैनेजमेंट & प्रोमोशन
इंट्रोडक्शन टू वेब एनालिटिक्स
मोबाइल मार्केटिंग
सोशल मीडिया मार्केटिंग
डिजिटल मार्केटिंग बजटिंग, प्लानिंग & फोरकास्ट
डिजिटल मार्केटिंग प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
प्रोडक्ट मार्केटिंग (फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल ऐड्स)
एफिलिएट मार्केटिंग
वेबसाइट डाटा एनालिटिक्स
पेड ऐड्स ऑप्टिमाइजेशन स्ट्रेटजीज़
न्यूरोमार्केटिंग फंडामेंटल्स
आवेदन प्रक्रिया
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स के लिए नीचे आवेदन प्रक्रिया दी गई है-
कैंडिडेट को 12 साल की बेसिक एजुकेशन पूरी करनी होगी। 12th (किसी भी स्ट्रीम) उत्तीर्ण करनी आवश्यक है।
इस कोर्स करने के लिए सबसे पहले प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करना होगा।
छात्रों को परीक्षा ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड के माध्यम से देनी होगी।
प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर छात्रों का विश्लेषण किया जाएगा। शॉर्टलिस्ट किए गए छात्रों की एक मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी।
कुछ कॉलेज ग्रुप डिस्कशन (GD) और पर्सनल इंटरव्यू के जरिए भी एडमिशन प्रदान करते हैं।
यूके के लिए आवेदन प्रक्रिया
बैचलर्स डिग्री में एडमिशन लेने के लिए आपको UCAS पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। यहाँ से आपको यूजर आईडी और पासवर्ड प्राप्त होंगे। वहीं मास्टर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। फिर वहीं से ही छात्रों को यूजर आईडी और पासवर्ड मिलेंगे।
यूजर आईडी से अकाउंट साइन इन करें और डिटेल्स भरें।
कोर्स करिकुलम और जरूरी योग्यता को चेक कर लें।
अपनी यूनिवर्सिटी के एप्लीकेशन फॉर्म पर क्लिक करें।
सबसे पहले आपको ईमेल या फ़ोन नंबर के द्वारा न्यू रजिस्ट्रेशन करना होगा।
अकाउंट वेरिफिकेशन के बाद अकाउंट लोग-इन करके पर्सनल डिटेल्स (नाम, जेंडर, पिता का नाम, माता का नाम, जन्म की तिथि) भरें।
अकादमिक डिटेल्स भरें और आवश्यक डाक्यूमेंट्स को अपलोड करें।
अंत में एप्लीकेशन फीस का भुगतान करें।
फिर अपना एप्लीकेशन फॉर्म जमा करें।
कुछ यूनिवर्सिटीज, सिलेक्शन के बाद वर्चुअल इंटरव्यू के लिए आमंत्रित करतीं हैं।
आवश्यक दस्तावेज
नीचे दिए गए आवश्यक दस्तावेज इस प्रकार हैं:
एकेडमिक ट्रांसक्रिप्ट
IELTS/ TOEFL/ GMAT/ GRE आदि के स्कोर।
पासपोर्ट की स्कैन की गई कॉपी
SOP (स्टेटमेंट ऑफ पर्पस)
LOR (लेटर ऑफ रिकमेंडेशन)
CV/ रिज़्यूमे
डिजिटल मार्केटिंग का लाभ
यह बहुत कम पैसों में की जा सकती है। इसे आप INR 100 या 1,000 से भी शुरू कर सकते हैं।
यह हम सिर्फ और सिर्फ उन्हीं लोगों तक अपने विज्ञापनों को पहुंचा सकते हैं जिन्हें हमारे प्रोडक्ट्स या फिर सर्विसेज की जरूरत है। जबकि ट्रेडिशनल मार्केटिंग में ऐसा संभव नहीं है।
डिजिटल मार्केटिंग करने में आसान है।
साथ ही साथ हम आसानी से अपने कैंपेन में जरूरी बदलाव कर सकते हैं।
इसमें प्राय: कन्वर्शन रेट अच्छा होता है। यानी लोग जल्दी से ग्राहक बन जाते हैं।
इंटरनेट मार्केटिंग में जॉब के कई विकल्प हैं।
इंटरनेट मार्केटिंग की मुख्य अवधारणाओं को मजबूत करना।
अपनी मौजूदा व्यावसायिक वेबसाइट या ब्लॉग का प्रचार करना।
आपकी SEO टीम कैसे काम कर रही है, इसकी बेहतर निगरानी कर सकते हैं।
इंटरनेट मार्केटर्स के रूप में घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) से एक फ्रीलान्स के रूप में काम कर सकते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग का महत्व
यह दौर टेक्नोलॉजी का है और इस आधुनिक समय में हर वस्तु में टेक्निकल विकास हुआ है, इंटरनेट भी इसी आधुनिकता का हिस्सा है।
आज का समाज समय की कमी से परेशान है, इसलिए यह यह काफी आवश्यक हो गया है।
जनता इंटरनेट द्वारा अपनी सुविधा अनुसार अपना मनपसंद व आवश्यक सामान आसानी से प्राप्त कर सकती है ।
कोरोनावायरस के दौर में लोग बाज़ार जाने से बचते हैं ऐसे में यह बिज़नेस को अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज लोगों तक पहुंचाने में मदद करती है।
यह कम समय में एक ही वस्तु के कई प्रकार दिखा सकता है और उपभोक्ता को जो पसंद है वे तुरंत उसे ले सकता है। इस माध्यम से उपभोकता का बाज़ार जा कर वस्तु पसंद करने व आने-जाने में जो समय लगता है वो बच जाता है।
इसके द्वारा व्यापारी भी कम समय में अधिक लोगो से जुड़ सकता है और अपने उत्पाद की खूबियाँ उपभोक्ता तक पहुँचा सकता है।
यह तो आप सबको पहले से ही पता है कि परिवर्तन जीवन का नियम है ,पहले के समय में और आज के जीवन में कितना बदलाव हुआ है और आज इंटरनेट का जमाना है।
इसकी की मांग वर्तमान समय में बहुत ही मजबूती से देखने को मिल रही है। व्यापारी जो अपना सामान बना रहा है,वो बिना किसी तीसरे व्यक्ति के अपने सामानों को आसानी से ग्राहकों तक पहुंचा रहा है। इससे व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है ।
आज के समय में हर व्यक्ति Google, Facebook और YouTube आदि उपयोग कर रहा है, जिसके द्वारा व्यापारी अपने उत्पाद ग्राहकों को दिखाता है।
डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO): यह एक ऐसी तकनीक (माध्यम) है जो आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन के परिणाम पर सबसे ऊपर जगह दिलाता है जिससे व्यूअर्स की संख्या में वृद्धि होती है। इसके लिए हमें अपनी वेबसाइट को कीवर्ड्स और SEO गाइडलाइन्स के मुताबिक बनाना होता है।
सोशल मीडिया: सोशल मीडिया कई प्रकार की वेबसाइटों जैसे Facebook, Twitter, Instagram, LinkedIn आदि से मिलकर बना है। सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्ति अपने विचारों, भावों को हजारों लोगों के सामने रख सकता है। जैसा कि आप सब ने देखा होगा कि जब हम ये साइटों को देखते हैं, तो इस पर थोड़ी-थोड़ी देर में विज्ञापन दिखते हैं यह विज्ञापन आपकी पसंद से जुड़े हो भी सकते हैं और नहीं भी।
ईमेल मार्केटिंग: ईमेल मार्केटिंग हर प्रकार से हर कंपनी के लिए आवश्यक है क्योंकि कोई भी कंपनी नये प्रस्ताव और छूट ग्राहकों को समय अनुसार इसके द्वारा देते हैं जिसके लिए ईमेल मार्केटिंग, डिजिटल विपणन का एक सुगम रास्ता है। किसी भी कंपनी द्वारा अपने उत्पादों को ईमेल द्वारा पहुंचाने को ईमेल मार्केटिंग कहते है।
यूट्यूब चैनल: यूट्यूब, सोशल मीडिया मार्केटिंग का एक ऐसा माध्यम है जिसमे उत्पादक अपने प्रोडक्ट्स को लोगों के सामने सीधा पहुंचा सकता है।
एफिलिएट मार्केटिंग: वेबसाइट, ब्लॉग और लिंक्स के माध्यम से उत्पादों के विज्ञापन करने को एफिलिएट मार्केटिंग कहा जाता है। इसके अन्तर्गत आप अपना लिंक बना कर अपने उत्पाद को उस लिंक पर अपलोड करते हैं। जब ग्राहक उस लिंक द्वारा आपका उत्पाद खरीदता है तो आपको उस पर मेहनताना मिलता है।
एप्स मार्केटिंग: इंटरनेट पर अलग-अलग प्रकार के एप्स बनाकर लोगों तक पहुंचने और उन एप्स द्वारा अपने उत्पाद का प्रचार करने को ही एप्स मार्केटिंग कहते हैं । आजकल बड़ी संख्या में लोग स्मार्टफोन्स का उपयोग कर रहे हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने एप्स बनाती हैं और एप्स को लोगों तक पहुंचाती है।
डिजिटल मार्केटिंग की उपयोगिताएं
आप अपनी वेबसाइट पर ब्रोशर बनाकर उस पर अपने उत्पाद का विज्ञापन लोगों के लेटेर-बॉक्स पर भेज सकते हैं। कितने लोग आपको देख रहे हैं यह भी पता लगाया जा सकता है।
वेबसाइट ट्रेफ़िक- सबसे ज्यादा दर्शकों की भीड़ किस वेबसाइट पर है – पहले ये आप जान ले , फिर उस वेबसाइट पर अपना विज्ञापन डाल दें ताकी आपको अधिक लोग देख सकें ।
एट्रीब्यूशन मॉडलिंग – इसके द्वारा आप यह पता कर सकते है की आजकल लोग किस उत्पाद में रुचि ले रहे हैं या किन-किन विज्ञापनों को देख रहे हैं ।
आप अपने उपभोक्ता से किस प्रकार सम्पर्क बना रहे हैं यह विषय महत्वपूर्ण है। आप उनकी आवश्यक्ता के साथ पसंद का भी ध्यान रख सकते हैं।
सिलेबस
SEO ऑप्टिमाइजेशन
इंट्रोडक्शन टू CRM
ईमेल मार्केटिंग
कॉम्पिटिटर एंड वेबसाइट एनालिसिस
मार्केट रिसर्च
कंटेंट क्रिएशन, मैनेजमेंट & प्रोमोशन
इंट्रोडक्शन टू वेब एनालिटिक्स
मोबाइल मार्केटिंग
सोशल मीडिया मार्केटिंग
डिजिटल मार्केटिंग बजटिंग, प्लानिंग & फोरकास्ट
डिजिटल मार्केटिंग प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
प्रोडक्ट मार्केटिंग (फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल ऐड्स)
एफिलिएट मार्केटिंग
वेबसाइट डाटा एनालिटिक्स
पेड ऐड्स ऑप्टिमाइजेशन स्ट्रेटजीज़
न्यूरोमार्केटिंग फंडामेंटल्स
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स कैसे करें?
डिजिटल मार्केटिंग के कोर्सेज ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से किए जा सकते हैं। ऑनलाइन माध्यम में आप google के फ्री सर्टिफाइड कोर्स कर सकते हैं और ऑफलाइन माध्यम में आप कोर्स अपने शहर के किसी अच्छे इंस्टिट्यूट से कर सकते हैं। Google से आप घर बैठे ही मुफ्त में इस कोर्स को सीख सकते हैं। इसके लिए आपको इन दो वेबसाइटों पर जाना है-
Google Digital Unlocked
Google Skill Shop
यह दोनों ही Google की वेबसाइट है जहां से आप घर बैठे आसानी से सीख सकते हैं, नीचे कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं-
Google की इन दोनों ही वेबसाइटों के द्वारा आप बिना किसी फीस के इस कोर्स को सीख सकते हैं।
जब आप यहां से कोर्स ख़तम कर लेते हैं तो आपको Google की तरफ से सर्टिफिकेट भी दिया जाता है। इस सर्टिफिकेट की अन्य के मुकाबले काफी अहमियत होती है।
Google डिजिटल अनलॉक से आप डिजिटल मार्केटिंग की बुनियादी बातों सीख सकते है वो भी टेक्स्ट और वीडियो दोनों फॉर्मेट में । यहां से आप डिजिटल मार्केटिंग की बारीकियों को बहुत अच्छे तरीके से समझ सकते है।
Courses को अनलॉक करने के लिए आपको आपके Google अकाउंट से साइन-अप करना होगा।
साइन-अप करने के बाद आपके सामने कोर्सेज की डिटेल आ जाएगी, जिसमें 26 मॉड्यूल होंगे जिनकी अवधि 40 घंटे होगी।
लोकप्रिय कोर्सेज
CDMM
SEO
SMM
E-mail Marketing
Inbound Marketing
Growth Hacking
Web Analytical
Mobile Marketing
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स कितने महीने का होता है?
डिजिटल मार्केटिंग में सर्टिफिकेट कोर्स 3 से 6 महीने का होता है। बैचलर कोर्स जैसे BBA आदि 3-4 साल का होता है। डिजिटल मार्केटिंग में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स 2 साल का होता है।
डिजिटल मार्केटिंग सीखने के लिए विदेशी यूनिवर्सिटीज
ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय
अल्बर्टा विश्वविद्यालय
मैकमास्टर विश्वविद्यालय
वाटरलू विश्वविद्यालय
साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय
लवल विश्वविद्यालय
यॉर्क विश्वविद्यालय
रायर्सन विश्वविद्यालय
ओंटारियो टेक यूनिवर्सिटी
आप UniConnect के जरिए विश्व के पहले और सबसे बड़े ऑनलाइन विश्वविद्यालय मेले का हिस्सा बनने का मौका पा सकते हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से सीधा संपर्क कर सक सकते हैं।
टॉप भारतीय डिजिटल मार्केटिंग संस्थान
सिम्पलीलर्न, बैंगलोर
AIMA- अखिल भारतीय प्रबंधन संघ, दिल्ली
DSIM- दिल्ली स्कूल ऑफ इंटरनेट मार्केटिंग, दिल्ली और बैंगलोर
लर्निंग कैटलिस्ट, मुंबई
डिजिटल विद्या, पूरे भारत में शाखाएं
नई दिल्ली वाईएमसीए, दिल्ली
Zica, इंदौर
डिजिटल मार्केटिंग संस्थान-आईडीएम, मुंबई
इंटरनेट मार्केटिंग स्कूल, कोलकाता
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स फीस
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स करने के लिए आपको फीस कई कॉलेजों में अलग-अलग होती है। एक अनुमान से डिजिटल मार्केटिंग कोर्स की फीस INR 15-60 हजार तक की फीस हो सकती है।
योग्यता
बैचलर्स कोर्सेस में प्रवेश लेने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पूरा किया हो।
कुछ कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा भी आयोजित करते हैं। विदेश में बैचलर्स के लिए SAT या ACT स्कोर्स की मांग की जाती है।
मास्टर्स कोर्सेस के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से किसी भी स्ट्रीम में बैचलर्स डिग्री प्राप्त की हो।
मास्टर्स कोर्सेस में एडमिशन के लिए कुछ विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं इसके बाद ही आप इन कोर्सेस के लिए पात्र हो सकते हैं। विदेश की कुछ यूनिवर्सिटीज में मास्टर्स के लिए GRE स्कोर की आवश्यकता होती है।
साथ ही विदेश के लिए आपको ऊपर दी गई आवश्यकताओं के साथ IELTS या TOEFL स्कोर की भी आवश्यकता होती है।
आवेदन प्रक्रिया
कैंडिडेट को 12 साल की बेसिक एजुकेशन पूरी करनी होगी। 12th (किसी भी स्ट्रीम) उत्तीर्ण करनी आवश्यक है।
इस कोर्स करने के लिए सबसे पहले प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करना होगा।
छात्रों को परीक्षा ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड के माध्यम से देनी होगी।
प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर छात्रों का विश्लेषण किया जाएगा। शॉर्टलिस्ट किए गए छात्रों की एक मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी।
कुछ कॉलेज ग्रुप डिस्कशन (GD) और पर्सनल इंटरव्यू के जरिए भी एडमिशन प्रदान करते हैं।
यूके के लिए आवेदन प्रक्रिया
बैचलर्स डिग्री में एडमिशन लेने के लिए आपको UCAS पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। यहाँ से आपको यूजर आईडी और पासवर्ड प्राप्त होंगे। वहीं मास्टर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। फिर वहीं से ही छात्रों को यूजर आईडी और पासवर्ड मिलेंगे।
यूजर आईडी से अकाउंट साइन इन करें और डिटेल्स भरें।
कोर्स करिकुलम और जरूरी योग्यता को चेक कर लें।
अपनी यूनिवर्सिटी के एप्लीकेशन फॉर्म पर क्लिक करें।
सबसे पहले आपको ईमेल या फ़ोन नंबर के द्वारा न्यू रजिस्ट्रेशन करना होगा।
अकाउंट वेरिफिकेशन के बाद अकाउंट लोग-इन करके पर्सनल डिटेल्स (नाम, जेंडर, पिता का नाम, माता का नाम, जन्म की तिथि) भरें।
अकादमिक डिटेल्स भरें और आवश्यक डाक्यूमेंट्स को अपलोड करें।
अंत में एप्लीकेशन फीस का भुगतान करें।
फिर अपना एप्लीकेशन फॉर्म जमा करें।
कुछ यूनिवर्सिटीज, सिलेक्शन के बाद वर्चुअल इंटरव्यू के लिए आमंत्रित करतीं हैं।
आवश्यक दस्तावेज
नीचे दिए गए आवश्यक दस्तावेज इस प्रकार हैं:
एकेडमिक ट्रांसक्रिप्ट
IELTS/ TOEFL/ GMAT/ GRE आदि के स्कोर।
पासपोर्ट की स्कैन की गई कॉपी
SOP (स्टेटमेंट ऑफ पर्पस)
LOR (लेटर ऑफ रिकमेंडेशन)
CV/ रिज़्यूमे
अंडर ग्रेजुएट लेवल
DU JAT
PESSAT
NPAT
B-MAT
DSAT
पोस्ट ग्रेजुएट लेवल
CAT
XAT
SNAP
MAT
CMAT
डिजिटल मार्केटिंग में करियर
कंटेंट मार्केटर
कॉपीराइटर
कन्वर्शन रेट ऑप्टिमाइजेशन
PPC मैनेजर/एग्जीक्यूटिव
SEO एग्जीक्यूटिव/मैनेजर
SEM मैनेजर/एक्सपर्ट
सोशल मीडिया मैनेजर/एग्जीक्यूटिव
ई-कॉमर्स मैनेजर
एनालिटिकल मैनेजर
CRM & ईमेल मार्केटिंग मैनेजर
वेब डिजाइनर/डेवलपर और डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर/निदेशक
SEO एग्जीक्यूटिव/मैनेजर
टॉप रिक्रूटर्स
Digital Marketing kya hai जानने के बाद अब टॉप रिक्रूटर्स के नाम दिए गए हैं-
Google
Facebook
iProspect India
WATConsult
Webchutney
Mirum India
Quasar Media
Pinstorm
iStrat
BBC Webwise
डिजिटल मार्केटिंग सैलरी
जॉब प्रोफाइल्स भारत में औसत सालाना सैलरी (INR)
डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर 6-7 लाख
SEO स्पेशलिस्ट 4-5 लाख
सोशल मीडिया मैनेजर 5-6 लाख
कंटेंट मार्केटिंग स्पेशलिस्ट 4-5 लाख
पे पर क्लिक या SEM एनालिस्ट 3-4 लाख
कंटेंट राइटर 3-4 लाख
FAQs
डिजिटल मार्केटिंग से आप क्या समझते?
अपनी वस्तुएं और सेवाओं की डिजिटल साधनो से मार्केटिंग करने की प्रतिक्रिया को डिजिटल मार्केटिंग कहते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स की फीस कितनी है?
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स करने के लिए आपको INR 10,000-60,000 सालाना तक की फीस का भुगतान करना पड़ सकता है।
डिजिटल मार्केटिंग कितने प्रकार के होते हैं?
सर्च इंजन मार्केटिंग (SEO), सोशल मीडिया, ईमेल मार्केटिंग, यूट्यूब चैनल, एफिलिएट मार्केटिंग आदि।
डिजिटल मार्केटिंग क्यों जरूरी है?
इसके जरिए आप अपने प्रोडक्ट या सर्विस को ग्राहकों के पास आसानी से कम समय मे पहुँचा सकते है। इस प्रकार आपके व्यापार में मुनाफा होगा। आप इसके द्वारा अपने बिज़नेस से लाखों रुपये का मुनाफा कमा सकते है।
डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार कितने होती है?
डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार निम्न हैं:
1. सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन
2. सोशल मीडिया
3. ईमेल मार्केटिंग
4. यूट्यूब चैनल
5. अफिलिएट मार्केटिंग
6. PPC मार्केटिंग
7. एप्स मार्केटिंग
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स कितने महीने का होता है?
डिजिटल मार्केटिंग में सर्टिफिकेट कोर्स 3 से 6 महीने का होता है। बैचलर कोर्स जैसे BBA आदि 3-4 साल का होता है। डिजिटल मार्केटिंग में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स 2 साल का होता है।
धन्यवाद
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
लेखक SWA MUMBAI
Bahut detail me explain kiya hai.
ReplyDeleteThank you