Wednesday, July 17, 2024

8-पहली मुलाकात: इलाहाबाद के सिंचाई विभाग का पार्कप्रारंभिक दृश्य

पहली मुलाकात: इलाहाबाद के सिंचाई विभाग का पार्क
प्रारंभिक दृश्य
यह इलाहाबाद की एक खूबसूरत शाम थी। सूरज धीरे-धीरे क्षितिज की ओर ढल रहा था, अपनी सुनहरी किरणों से पार्क को नहला रहा था। सिंचाई विभाग का पार्क हरियाली और सुकून से भरा हुआ था। बड़े-बड़े पेड़ और हरी घास के मैदान, चारों ओर खिले हुए रंग-बिरंगे फूल, इस जगह को और भी मनमोहक बना रहे थे।

चंदू का आगमन
चंदू ने अभिलाषा के बुलावे पर पार्क का रास्ता लिया। वह थोड़ा उत्सुक और थोड़ा नर्वस था। पार्क के प्रवेश द्वार पर पहुंचते ही उसने अपनी चारों ओर नजर दौड़ाई, जहां शाम की रौनक और हल्की हवा ने माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया था। 

अभिलाषा की प्रतीक्षा
चंदू इलाहाबाद पहुंचकर अभिलाषा की प्रतीक्षा करने लगा वह उसे फोन पर अवगत कराया कि वह निर्धारित समय के अंदर आ चुका है कृपया तुम भी समय से आ जाओ क्योंकि चंदू एक सम्मानितव्यक्ति था वह कभी भी नहीं चाहता था कि उसके कारण अभिलाषा की बेज्जती हो वह चाहता था कि आदर्शता का प्रतिमान प्रस्तुत हो और अपने संस्कारों का परिचय भी और ऐसा ही हुआ चंदू ने अपने आदर्श का परिचय दिया अभिलाषा ने चंदू को सिंचाई विभाग के पार्क में ले गई वहां दोनों बैठे अभिलाष अपने हाथों की बनाई हुई पुड़िया खिलाई और चॉकलेट खिलाई फिर चंदू ने कहा कि एकांत में बैठने से अच्छा है कि जहां अन्य लोग बैठे हैं वहां बैठते हैं नहीं तो लोगों की नजरों में गिर जाना होता है चंदू की बात भी ठीक थी क्योंकि आए दिन एकांत में बैठने वलों पर लोगों की निगाहें बहुत गिरी हुई होती है उसे एरिया में चंदू के जान पहचान के लोग काफी रहते थे इसलिए चंदू नहीं चाहता था कि किसी भी प्रकारकि किसी की कोई बेज्जती हो  फिर अभिलाष ने चंदू की बात मानकर एक सार्वजनिक बेंच पर बैठ गए और वही बातें करने लगे अभिलाषा बहुत खुश थी लेकिन वह जिससे राय मशवरा करती थी वह अभिलाषा का भला नहीं चाहते थे
पहली नजर का मिलना
जैसे ही चंदू ने अभिलाषा को देखा, उसका दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने धीमे कदमों से अभी की ओर बढ़ना शुरू किया। अभिलाषा ने चंदू को आते देखा और एक हल्की मुस्कान के साथ उसका स्वागत किया। चंदू भी मुस्कुराया और बेंच पर बैठ गया। दोनों की नजरें मिलीं और एक अनकही समझ और अपनापन दोनों के बीच महसूस हुआ।

बातचीत की शुरुआत
दोनों ने एक-दूसरे का अभिवादन किया और कुछ क्षणों के बाद उनकी बातचीत शुरू हुई। शुरू के कुछ मिनट थोड़ी औपचारिकता और हिचकिचाहट के साथ बीते, लेकिन धीरे-धीरे दोनों ने अपने दिल की बातें साझा करना शुरू किया। 

अभिलाषा ने अपनी जिंदगी के कुछ पहलुओं को साझा किया, और चंदू ने भी अपने अनुभवों को बताया। उन्होंने अपनी पसंद-नापसंद, अपने सपनों और आकांक्षाओं के बारे में बातचीत की। 

 संबंधों की नींव

इस पहली मुलाकात में, दोनों ने एक-दूसरे के प्रति गहरा सम्मान और समझ महसूस किया। इस मुलाकात ने उनके बीच एक मजबूत बंधन की नींव रखी। चंदू और अभिलाषा दोनों ही इस मुलाकात से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने महसूस किया कि उनके बीच एक विशेष संबंध बनने वाला है।

जैसे-जैसे शाम ढलती गई, दोनों ने एक-दूसरे को अलविदा कहा और अपने-अपने रास्ते चल पड़े। लेकिन इस मुलाकात ने उनके दिलों में एक खास जगह बना ली थी। इस पहली मुलाकात ने उनके संबंधों की शुरुआत की और यह साबित किया कि कभी-कभी, एक साधारण सी मुलाकात भी जीवन में बड़ी महत्वपूर्ण हो सकती है।

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