Wednesday, June 5, 2024

आओ मिलकर पेड़ लगाएं

.         शीर्षक-आओ मिलकर पेड़ लगाएं 

हरी भरी हो धरती अपनी,सुंदर बगिया सुंदर सपने 
जीवन का हो जाए सहारा,सबसे न्यारा सबसे प्यारा 
जगजीवन में यही सहारा,पेड़ नहीं तो जीवन हारा
आओ मिलकर पेड़ लगाएं,धरती को सुंदर बनाएं 

आज नहीं तो कल देखो,हंसता खिलता‌ जीवन मुस्काए
गांव घर मोहल्लों में अब,ऐसी सूचना फैलाएं
इंशा-इंशा अब पेड़ लगाए,धरा को अब हरा बनाएं
आओ मिलकर पेड़ लगाएं,धरती को सुंदर बनाएं

नदिया बहती कलकल निर्झर,पौधों को जल देती हैं 
आसमान में गरजा बादल,सब पर जल बरसती हैं 
नहीं करती हैं बैर कोई, हर इंशा से यह कहती हैं  
आओ मिलकर पेड़ लगाएं,धरती को सुंदर बनाएं 

नन्ही-नन्ही पंखुड़ियों को,रोपित कर उन्हें बचायें
गांव खेत खलिहानों में,एक-एक पौधा जरूर लगाएं 
सुंदर सपनों सा एक ऐसा,भारत अपना जरूर बनाएं
आओ मिलकर पेड़ लगाए धरती को सुंदर बनाएं 

पेड़ है तो जीवन है, इस बात को मानो तुम
पेड़ नहीं तो कुछ नहीं, इस बात को जानो तुम 
मेरे प्यारे देशवासियों,बात धरा की मानों तुम 
 आओ मिलकर पेड़ लगाएं ,धरती को सुंदर बनाएं
  
रचना 
चन्द्रपाल राजभर (आर्टिस्ट,शिक्षक,लेखक)

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