हर महान व्यक्ति जिसने इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया, उसे समाज के विरोध का सामना करना पड़ा। चाहे वह वैज्ञानिक हो, कलाकार हो, लेखक हो, या समाज सुधारक—हर किसी के रास्ते में बाधाएँ खड़ी की गईं। इसका कारण यह है कि समाज हमेशा अपनी सीमाओं में कैद रहना चाहता है। जब कोई उन सीमाओं को चुनौती देता है, तो वह अपने भीतर भय और असुरक्षा महसूस करता है। यही असुरक्षा समाज के विरोध के रूप में प्रकट होती है।
आपकी प्रगति को रोकने के पीछे समाज का वास्तविक उद्देश्य आपकी असफलता नहीं, बल्कि अपनी स्थिरता को बनाए रखना होता है। लोग दूसरों की उड़ान को देख अपनी क्षमताओं पर सवाल उठाने लगते हैं। उनके लिए यह अधिक आसान होता है कि वे आपको गिराने की कोशिश करें, बजाय इसके कि वे अपनी सोच को विस्तृत करें।
इस परिस्थिति में, आपको यह समझना होगा कि आपकी यात्रा अकेले ही तय होगी। समाज के विरोध को अपने कदमों की गति कम करने का कारण न बनने दें। हर बार जब लोग आपका विरोध करें, तो इसे अपने सही रास्ते पर होने का संकेत मानें। विरोध वही करता है जिसे आपकी उन्नति से डर हो।
प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत स्वयं आपके भीतर है। जब आप अपनी क्षमताओं को पहचानते हैं और अपने सपनों के प्रति प्रतिबद्ध रहते हैं, तो समाज का विरोध आपके लिए केवल एक और चुनौती बनकर रह जाता है। हर उस आवाज को अनसुना करें जो आपको रोकने की कोशिश करे। आपके कर्म और आपकी सफलता उन सभी सवालों का उत्तर होंगे।
याद रखें, परिवर्तन हमेशा अकेले शुरू होता है। आप अपनी यात्रा के नायक हैं। समाज को बदलने का काम आपका नहीं, बल्कि समय का है। आपको सिर्फ अपने लक्ष्यों पर केंद्रित रहना है। आपका संघर्ष, आपकी मेहनत और आपकी उपलब्धियां समाज को धीरे-धीरे आपकी ओर देखने और आपकी कहानी से प्रेरित होने पर मजबूर करेंगी।
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
लेखक SWA MUMBAI
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