Saturday, October 26, 2024

गजल एल्बम 13 टाईप

1
गज़ल
मेरे मन की अभिलाषा

कदम-कदम पर बस तेरी ही छाया है 
मेरे मन की अभिलाषा में तेरी ही काया है 

सपनों में तेरे दीदार की चाह है
जगता हूँ मैं, फिर भी दिल बेकरार है।

तेरे बिना हर खुशी में है उदासी
तेरी यादों की महक, जैसे कोई जाम है।

तन्हाई में खोकर सोचता हूँ मैं
क्यों तूने ही ये दिल मुझसे चुराया है।

दिल की हर धड़कन में तेरा नाम है
तेरे बिन ये जीवन जैसे वीरान है।

हर सुबह की किरन से, अब तेरी ही साया है
मेरे मन की अभिलाषा में, तेरी ही छाया है।
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2
गज़ल
 मेरे मन की अभिलाषा

कदम-कदम पर बस तेरा ही साया हो
मेरे मन की अभिलाषा अब अधूरा हो।

सपनों में तेरे दीदार की चाह है
जगता हूँ मैं, फिर भी दिल बेकरार है।

तेरे बिना हर खुशी में है उदासी
तेरी यादों की महक, जैसे एक जाम है।

तन्हाई में खोकर सोचता हूँ मैं
क्यों तूने ही ये दिल मुझसे चुराया हो।

दिल की हर धड़कन में तेरा नाम है
तेरे बिन ये जीवन जैसे वीरान सा है।

हर सुबह की किरन से, तेरा ही साया है
मेरे मन की अभिलाषा, तेरा ही दीदार है।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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3
गजल
अब तेरा नाम ना लेंगे हम

जा बेवफ़ा, अब तेरा नाम न लेंगे हम
इन धड़कनों में तेरा पैग़ाम न देंगे हम।

तेरी मुहब्बत का जो था असर हम पर
वो ग़म के निशां अब और न गिनेंगे हम।

तू ख़्वाबों में आए भी तो क्या फ़र्क है
अब तेरा कोई एहसान न मानेंगे हम।

वो रातों के जलते दिए बुझा देंगे
तेरी यादों का एक भी नाम न लेंगे हम।

अब अरमानों को दबा देंगे दिल के तहख़ाने में
तेरे क़दमों में अपने जज़्बात न रखेंगे हम।

जा बेवफ़ा, अब तेरा नाम न लेंगे हम
तेरी राह में अपना मुक़ाम न रखेंगे हम।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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4
गजल
अरे बेवफ़ा, अब तेरा ख़याल न आएगा,
जो दर्द था दिल में, वो मलाल न आएगा।

तेरी राहों में अब पलके नहीं बिछाएंगे
अब हौसला टूटा सवाल न आएगा।

तू भूल जा उस प्यार को, जो तुझसे किया
अब वो वादा और वो हाल न आएगा।

तूने जो दिए हैं ज़ख्म, भर देंगे सब
अब तेरी यादों का जाल न आएगा।

अब सीख लिया है जीना तेरे बिन भी
अब अश्कों का वो सैलाब न आएगा।

अरे बेवफ़ा, अब तेरा ख़याल न आएगा
दिल को तेरे बगैर कोई हाल न आएगा।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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5
गजल
अब तेरी राहों में रुकना नहीं होगा

अब तेरी राहों में रुकना नहीं होगा
दिल को दर्द में अब घुटना नहीं होगा।

जो ज़ख्म तूने दिए, सह लिए हमने
अब तेरी यादों में सुलगना नहीं होगा।

हमने जो पल तेरे संग सजाए थे
अब उनकी धुंध में खोना नहीं होगा।

तेरे बिना हमने जीना सीख लिया
अब कोई आँसू भी पिघलना नहीं होगा।

अब न कोई शिकवा, न कोई इंतज़ार
इस दिल को फिर से तड़पना नहीं होगा।

अब तेरी राहों में रुकना नहीं होगा
तेरी मोहब्बत को अब ढोना नहीं होगा।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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6
गजल
अब तेरा चेहरा न देखेंगे हम

अब तेरा चेहरा न देखेंगे हम
तेरी राहों में न भटकेंगे हम।

तेरी यादों के साये छोड़ दिए
अब कभी पीछे न पलटेंगे हम।

जो वादा किया था, वो भूल गए
अब उस एहसास से हटेंगे हम।

दिल ने जो तुझसे चाहा था कभी,
अब उस चाहत को मिटा देंगे हम।

तेरे ख़्वाबों में खोया था जो दिल
अब उसे फिर से सजा देंगे हम।

अब तेरा चेहरा न देखेंगे हम
तेरी हर याद को बहा देंगे हम।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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7
गजल
अब तेरा ज़िक्र न करेंगे कभी

अब तेरा ज़िक्र न करेंगे कभी
दिल में तेरा असर न लेंगे कभी।

जो ग़म दिए तूने हँसकर सहे
उनकी यादों में न डूबेंगे कभी।

तेरी राहों में गुज़रे जो पल
अब उनकी खुश्बू न चुराएंगे कभी।

जो दर्द है, वो भी सह लेंगे
अब तुझसे शिकवा न करेंगें कभी।

तू चाहे लाख बुला ले हमें
अब उस मोड़ पर न आएंगे कभी।

अब तेरा ज़िक्र न करेंगे कभी
तेरी मोहब्बत में न जिएंगे कभी।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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8
गजल
अब तेरी चाह में जीना नहीं है

अब तेरी चाह में जीना नहीं है
इस बेवफ़ाई का ग़म पीना नहीं है।

जो लम्हे तेरे संग गुज़रे थे कभी
अब उनकी यादों में जीना नहीं है।

तेरे बिना जो दर्द सहा है मैंने
अब उस दर्द को पीना नहीं है।

छोड़ आए हैं वो पुराने क़िस्से
अब तेरी यादों को सीना नहीं है।

अब किसी ख़्वाब में तू नहीं होगा
दिल को फिर से वो रंगीना नहीं है।

अब तेरी चाह में जीना नहीं है
इस दिल को तेरा अब होना नहीं है।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 

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