1
गज़ल
चलो जिंदगी फिर से मुस्कुराएं
आज की शाम कोई नई गज़ल गायेंगे
तेरी याद में एक जाम लगाएंगे।
जिन लम्हों में गुजरे थे हम तेरे संग
उन पलकों पर आज अरमान सजाएंगे।
सपनों की राहों में तेरा नाम होगा
हर ख्वाब में हम तेरा ही जाम लगाएंगे।
दिल की सुनते हैं, आहटों का क्या करें
हर धड़कन में तेरा ही नाम लाएंगे।
जो बिछड़ गए, उनकी यादों में खो जाएं
गम की चादर ओढ़ के फिर मुस्कुराएंगे।
जिंदगी की रंगीनियां बड़ी हसीन हैं
चलो जिंदगी फिर से मस्कुराए
गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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2
गजल
खामोशियाँ मेरी बातों का सबब बन गईं
तेरे बिना ये राहें भी अजब बन गईं।
तेरे नाम की खुशबू से महकता है चाँद
हर रात तन्हाई में अब सबब बन गईं।
जिनसे थीं ख्वाहिशें, वो भी अब दूर हैं
दिल की कश्ती पर बस तन्हाई मजबूर है
तू लुटाती रही जो प्यार की रौशनी
अब यादों में उलझकर ये तस्वीर मगरूर है
एक जाम पर जाम अब तन्हाई का है
हर घूँट में तेरी यादों का अस्क रुसवाई का है
सपनों में तेरा चेहरा कभी न मिटता है
तेरे साथ बिताए हर लम्हे अब जुदाई का है
आखिरी साँस तक तेरा जिक्र करूँगा,
तेरे बिना धड़कन में ना धडकूंगा
हर लम्हा तेरा साया है मेरे इर्द-गिर्द
तेरे प्यार की खुशबू का जिक्र हर पल करूंगा
गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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3
गज़ल
तेरी यादों की खुशबू बिखर गई है
बेवजह दिल की धड़कन मचल गई है।
रात की चादर तले जो साया है तेरा
हर ख्वाब में तेरी तस्वीर जल गई है।
गम के समंदर में तन्हाई की नाव
तेरे बिना अब तो लहरें भी छल गई हैं।
जिनसे उम्मीदें थीं, वो अब दूर हैं
इश्क के सफर में राहें बदल गई हैं।
चाँदनी रातों में तेरा चेहरा है
तेरे बिना हर एक रात पहरा है।
जिंदगी के रास्तों में अब तन्हाई है
तेरे बिना हर खुशी अब रुसवाई है।
इस दिल के वीराने में सिर्फ तेरा नाम है
तेरे बिना अब तो हर काम नाकम है।
एक जाम उठाते हैं तेरा नाम लेकर
तेरे बिना अब तो ना कोई अंजाम है
गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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4
गज़ल
तेरी यादों के साये में हम खो गए हैं
बिन तेरे इस दिल के अरमान रो गए हैं।
रातों में तन्हाई का साया घेरता है
तेरे बिना सब रंग जैसे फीके हो गए हैं।
हर सुबह तेरी खुशबू से महकती थी
अब तो बाग़ भी जैसे सूने हो गए हैं।
तुझसे मिले जो लम्हे, वो बेशकीमती हैं
वो यादें अब दिल के आलम हो गए हैं।
इश्क का सफर था, जो राहें खोलीं
वो राहें अब तन्हाई में खो गई हैं।
हर पल तेरा ख्याल दिल में बसता है
तेरे बिना अब ये लम्हे अधूरे हो गए हैं।
एक जाम उठाते हैं तेरे नाम के साथ
तेरे बिना हर जश्न में रंग हो गए हैं।
चाँदनी रातों में तेरा ही चेहरा हो
तेरे बिना हर ख़्वाब अब अधूरे हो गए हैं।
गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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5
गज़ल
तेरी यादों का नशा है, जो हर पल छाया है
हर सांस में तेरा जिक्र, हर दिल में साया है।
गुलाबों की महक में तेरा नाम बसा है
तेरे बिना यह दिल तो जैसे वीरान साया है।
चाँदनी रातों में तेरा ही जिक्र होता है
हर ख्वाब में तेरा चेहरा, हर तन्हाई में रोता है।
फूलों की खुशबू में तेरे प्यार की बातें हैं
तेरे बिना हर लम्हा जैसे बरसात का धोखा है।
इश्क के सफर में तन्हाई का राज़ है,
तेरे बिना ये दिल तो जैसे बंजर आज है।
हर सुबह की किरण में तेरा साया बसता है,
तेरे बिना हर रात का जश्न अधूरा सा लगता है।
एक जाम उठाया जो तेरे नाम साथ है
तेरे बिना हर जश्न में बसा ख़ामोशी का हाथ है।
ज़िंदगी के रंगों में अब तेरा ही नाम है
तेरे बिना हर खुशी जैसे अब बेगाना साथ है।
गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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गज़ल
तेरी यादों का नशा है, जो हर पल छाया है
हर सांस में तेरा जिक्र, हर दिल में साया है।
गुलाबों की महक में तेरा नाम बसा है
तेरे बिना यह दिल तो जैसे वीरान साया है।
चाँदनी रातों में तेरा ही जिक्र होता है
हर ख्वाब में तेरा चेहरा, हर तन्हाई का रोना है।
फूलों की खुशबू में तेरे प्यार की बातें हैं
तेरे बिना हर लम्हा जैसे बरसात का धोखा है।
इश्क के सफर में तन्हाई का राज़ है
तेरे बिना ये दिल तो जैसे बंजर बाग़ है।
हर सुबह की किरण में तेरा साया बसता है
तेरे बिना हर रात का जश्न अधूरा सा होता है।
एक जाम उठाते हैं तेरे नाम के साथ
तेरे बिना हर जश्न में बस ख़ामोशी का साया है।
ज़िंदगी के रंगों में अब तेरा ही नाम है
तेरे बिना हर खुशी जैसे अब बेगाना साया है।
गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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6
गज़ल
तेरी चाहत का असर दिल में बसा रहता है
हर घड़ी तेरा ख्याल दिल में छुपा रहता है।
तन्हाई के आलम में तेरा नाम लेकर
हर दर्द मेरा जैसे मिटा रहता है।
आँखों में बसी है तेरी तस्वीर अब भी
तेरे बिना ये जहाँ सूना-सूना रहता है।
जो लम्हा तेरे संग गुजारा था कभी
उस पल की याद अब दिल को रुला रहता है।
दिल के वीराने में तेरी खुशबू है बसी
हर आहट में तेरा ही नाम जगा रहता है।
तेरे बिना ये बहारें भी वीरान लगें
हर मौसम में जैसे सन्नाटा बसा रहता है।
हर रात चाँदनी में तेरा अक्स दिखता है
तन्हाई में हर जाम खाली सा लगता है।
तेरी यादों के साये में बसा है ये दिल
तेरे बिना हर ख्वाब अधूरा सा लगता है।
गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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7
गज़ल
तेरी यादों का दिया दिल में जलाया हमने
तेरे बिना हर लम्हा है बिताया हमने।
तन्हाई के आलम में ढूंढ़े तेरा साया
हर घड़ी दर्द को गले से लगाया हमने।
जो ख्वाब तेरी आँखों में देखा था कभी
उस ख्वाब को रातों में सजाया हमने।
तेरी हंसी का नशा दिल से उतरा नहीं
हर दर्द पे फिर से मुस्काया हमने।
दिल की वादियों में बसती है आहट तेरी
हर आहट को साँसों में पाया हमने।
तू जो दूर होके भी पास सा लगता है
तेरे लिए वक्त को गंवाया, हमने।
तेरी बेवफाई का ग़म फिर भी सहा है
तेरे बिन अश्कों को संभाला हमने।
हर मोड़ पे तेरी याद का बसेरा है
तेरे बिना इस दिल को समझाया हमने।
गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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8
गज़ल
तेरी यादों का ये आलम न भुला पाए हैं
दिल के हर कोने में तेरा ग़म बसा पाए हैं।
तेरी बाहों का सहारा जो कभी था हमें
अब उसी चाहत में खुद को डुबा पाए हैं।
चाँदनी रातों में तेरा अक्स ढूंढ़ते हैं
तेरी खुशबू से ही साँसें सजा पाए हैं।
हर लम्हा जो तेरे साथ बिताया था कभी
उसी लम्हे को अब ख्वाब बना पाए हैं।
तेरी राहों में नजरें बिछी रहती हैं
तेरी चाहत में हम खुद को मिटा पाए हैं।
तेरे बिना हर दिन अधूरा सा लगे
तेरे बिन उम्रभर ना सवांर पाए हैं।
दिल के वीराने में सन्नाटा गूँजता है
तेरी खामोशी को हम अब सहा पाए हैं।
तू जो चाहे तो आकर देख ले हमें
तेरे बिना हम क्या खो के पा पाए हैं।
गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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