बरसों हो गए, तुझको देखे , तेरे बिन ये, नैना तरसे
अब तो आजा, मेरे अंगना, आके प्यास ,बुझा जा संग ना
तेरे बिना सुना है अंगना, अब तो आजा मेरे अंगना
अब तो आजा मेरे अंगना
बदरिया रे ..,आ बरसो मेरे अंगना ।।2
दादुर बोले,बोले कोयलिया
पनिया भरन जब ,जाऐ सहेलिया
मन में एक ही ,आस जगाये
आके प्यास बुझा रे सहेलिया
आके प्यास बुझा रे सहेलिया
बदरिया रे...
सुनी हो गई, गलियाॅं ये कलियाॅं
खिलना ना चाहे ,फूलों की कलियाॅं
अब तो आजा हमारी नगरिया
आके जल बरsसा जा डगरिया
आपके जल बरसा जा डगरिया
बदरिया रे...
बरसों बीत गए ,हैं तेरे बिन
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