Sunday, October 27, 2024

गजल एल्बम 19 टाईप

गज़ल
ऐ मीत मेरे तू बेकरार न हो
 
ऐ मीत मेरे तू बेकार ना हो
तेरे बिना ये सफ़र बेकार ना हो।
ख्वाबों में तेरा दीदार हो हर पल
हर दर्द का अब असर बेकार ना हो।

तेरी हंसी से महके हैं ये बाग़
तेरे बिना दिल में कोई चार ना हो।
तेरी यादों का सहारा हो जब साथ
हर ग़म में तेरा असर बेकार ना हो।

छोटे से ख्वाबों में जिएं हम
तू हो पास तो हर दिन बहार हो।
खुद से मिले, ये राहें न भटकें
तेरे बिना ये सफ़र बेकार ना हो।

हर लम्हा तेरी मोहब्बत में जिएं
तेरे साथ ये कोई फासला ना हो।
मेरी दुआओं का असर हो हर वक्त
ऐ मीत मेरे तू बेकार ना हो।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 

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2
गज़ल
चलो मीत मेरे ये राहें सुनी है 

चले आओ, मीत मेरे, ये राहें सुनी हैं
तेरे बिना हर सिम्त, ये फिज़ाएं ज़ंजीर हैं।
तेरे संग जो मिल जाए, वो हर लम्हा सच्चा
ऐ मीत मेरे, तू बेकार ना हो, ये ज़िंदगी तासीर हैं।

तेरे ख्यालों में खोकर, ये दिल मेरा मस्त है
तेरे बिना हर खुशी, जैसे एक बंजर बस्त है।
सपनों में तेरे संग, हर पल जियूं मैं
ऐ मीत मेरे, तू बेकार ना हो, ये ज़िन्दगी तस्वीर हैं।

तेरे बिना ये चाँदनी, है जैसे अधूरी रात
तेरे संग हर दिन हो, जैसे एक नई सौगात।
तू जब संग हो मेरे, हर ग़म है धुंधला
ऐ मीत मेरे, तू बेकार ना हो, ये रिश्ते तासीर हैं।

तेरे बिना हर आहट, बस ख़ामोशी का जश्न
तेरे साथ हो जब, हर ग़म हो जैसे प्रश्नदर्पण 
खुदा से बस यही मांगू, तू संग रहे हमेशा
ऐ मीत मेरे, तू बेकार ना हो, ये दिल का फैशन हैं।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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3
गज़ल
यादों का साया 

तेरी यादों का साया हर वक्त है साथ
तेरे बिना हर रंग है बस बेरंग सा जात।
तेरे संग जो बिताए, वो लम्हे हैं अनमोल
ऐ मीत मेरे, तू बेकार ना हो, ये तेरी-मेरी बात।

तेरी हंसी की गूंज से महके ये बाग
तेरे बिना हर शाम है जैसे कोई आग।
तेरे बिना ये जीवन, जैसे एक ख़ामोशी
ऐ मीत मेरे, तू बेकार ना हो, ये तेरी-मेरा बात।

तेरी बाहों में छुपा है सुकून मेरा
तेरे बिना ना खुशी ना कोई सहरा।
सपनों में तेरे साथ जियूं मैं हर घड़ी
ऐ मीत मेरे, तू बेकार ना हो, ये तेरी-मेरी जज़्बात।

तेरे बिना ये दिल है जैसे बंजर ज़मीन
तेरे संग जो मिले, वो हर लम्हा है हसीन।
खुदा से मांगता हूँ मैं तेरा साथ सदा
ऐ मीत मेरे, तू बेकार ना हो, ये तेरी मेरी जमीन।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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4
ग़ज़ल
उन्होंने की ऐसी खता और जिंदगी सजा हो गई 

उन्होंने की खता और जिंदगी सजा हो गई
ख़्वाबों की वो किताब दर्द का सिलसिला हो गई।

हमने किया था प्यार दिल से सच्चा हर बार
उनकी नजरों में अब ये खता हो गई।

वो जो कभी हमारे थे दिल के सबसे करीब
उनसे जुदाई अब हमारी वफा हो गई।

जो चाहते थे हमसे कभी साथ उम्रभर
उनकी खामोशी आज सजा हो गई।

कैसे भूलें वो लम्हे जो साथ हमने बिताए
यादें उनकी अब तो सदा हो गई।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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5
गजल
वो बेवफा हो गये

हमने जो की थी उनसे इबादत की थी ख्वाहिश
उनकी बेरुखी ही अब दुआ हो गई।

थी कैसी मासूमियत उनकी आँखों मे
अब तो ये भी एक बेवफाई हो गई।

हर लफ्ज़ में उनके थे जज्बात कभी
अब हर बात में उनकी जुदाई हो गई।

कभी महफिलों में उनका नाम लबों पे था
अब वही यादें मरी तनहाई  हो गई।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 

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6
ग़ज़ल
जिंदगी सजा हो गई 

उन्होंने की खता और ज़िंदगी सजा हो गई
उम्मीदें टूटीं सब, दिल की रौशनी जुदा हो गई।

कभी वो हमसफ़र थे, हर कदम साथ चलने वाले
अब उनकी ख़ामोशी ही मेरी सजा हो गई।

जिसे माना खुदा, उसी ने कर दिया दूर मुझसे
वो मेरे लिए इबादत, अब सदा हो गई।

उनके हर झूठ को हमने सच समझा यारों
वो हर झूठ उनकी बेवफ़ाई की दवा हो गई।

दिल से निकालीं नहीं जातीं उनकी यादें अब
मेरी तन्हाई से उनकी सजा हो गई।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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7
ग़ज़ल
उनकी बेवफाई दवा हो गई 

उन्होंने की खता और ज़िंदगी सजा हो गई
हमारे हिस्से में बस तन्हाई की दवा हो गई।

वो जो कभी हमराही थे हर सफर में मेरे
अब उनकी याद भी दर्द की हवा हो गई।

जो ख्वाब सजाए थे उनके नाम से कभी
उन ख्वाबों की भी अब ख़ामोश वफ़ा हो गई।

दिल की हर धड़कन ने उन्हें ही पुकारा था
अब उनकी बेरुखी एक ख़ता हो गई।

हमने चाहा था उनको सच्चाई से हमेशा
मगर उनकी बेवफाई ही दास्तां हो गई।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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8
ग़ज़ल
खामोशी सजा हो गई 

उन्होंने की खता और ज़िंदगी सजा हो गई
खुशियों के रास्ते में अब दूरी अदा हो गई।

जिनसे रोशनी थी मेरी हर उम्मीद की
उनकी बेरुखी से मेरी किम्मत जुदा हो गई।

हमने उनके प्यार में सब कुछ भुला दिया
पर उनकी मोहब्बत मेरे लिए रज़ा हो गई।

उनके हर वादे पर एतबार था मुझे
वो वादे अब मेरी तन्हाई का पता हो गई।

जिस दिल में बसाया था उनको हर सांस में
वो दिल अब ख़ामोशी की सदा हो गई।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 

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