1
नजदीक आकर गम को मेरे पी गया कोई
नज़दीक आके ग़म मेरे पी गया कोई,
जैसे जिगर का जख्म मेरे,भर गया कोई।
जिस घाव में बरसों तड़पता था मेरा दिल
उस घाव पे मरहम मेरे,लगा गया कोई।
नज़दीक आके...
जैसे जिगर...
चुपचाप बिना आहटें,सरमा गया कोई
जैसे खुशनुमा वादियाॅं,बना गया कोई,
दिल की किताब में मेरे,कोरा था जो पन्ना
उस पान्ने में आज प्यार वो,लिख गया कोई
नज़दीक आके...
जैसे जिगर...
जिस खुशी की तलाशों में मैं,भटक रहा इधर
उस खुशी का नजराना मुझे,मिल गया इधर
अचानक उसने सामने से देखा जो मुझे
सारे रंजो गम भूल कर,अपना लिया उसे
नज़दीक आके...
जैसे जिगर...
नजरों की खोई चमक ये,लौटा गया कोई
जैसे जिंदगी जीने का दम,दिखा गया कोई
मेरे आंसुओं की नमी को,मिटा गया कोई
जैसी खुशनुमा ये बागडोर थमा गया कोई
नजदीक आके...
जैसे जिगर...
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2
अभिलाषा की बेवफाई
मौसम बदला, दिल की बात कह दी,
तेरी यादों में मैनें, हर जज़्बात कह दी
धोखे की बारिश में,मैं भीगता रहा,
तेरी बेवफाई से,कसम मैं टूटता रहा
ख्वाबों की खुशबू से,महका था ये मन,
तेरी बेवफाई से बड़ा, हैरान था ये तन
जख्म देकर तूने ,जब तोड़ दिया ये दिल
कसम खुदा की,घुट घुट बहुत रोया ये मन
हर मोड़ पर तेरा, साया था मेरे साथ
साथ जीने मरने के लिए,पकड़ा था मेरा हाथ
छोड़कर चले गए, जब तुम मेरा साथ
आंखें बन्द रहती हैं,पर गुजरती नहीं रात
तेरे बिना जिंदगी ,अधूरी सी लगती है,
हर पल तेरी मूरत, दिल में बसती है
तेरी बेवफाई ने ,जो दर्द दिया मुझे,
आज तक संभला नहीं कसम,बहुत रुला दिया मुझे
गीतकार
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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3
गीत: बेवफाई की आहट
जाने क्यों तुमसे दिल लगाया,
अब खुद को ही मैं भूल गया।
वो वादे तेरे झूठे निकले,
मैं तेरे प्यार में डूब गया।
कैसे कहूं वो हाल-ए-दिल,
तूने तोड़ दी हर एक आस।
राहों में बिछे थे ख्वाब मेरे,
तूने किया उन सबको उदास।
काफिर सा तू निकला, बेवफा,
हर लम्हा अब याद तेरा है।
तूने दिए ज़ख्म ऐसे,
जिनका हर निशां गहरा है।
चाहा था तुझको उम्रभर,
तूने दिल को बेदर्दी से लूटा।
अब ये दिल तन्हा सा है,
बस तेरे झूठे वादों में टूटा।
आंसू भी अब साथ नहीं,
वो भी थक कर बह गए।
तूने जो दिए हैं जख्म,
वो मेरे दिल में घर कर गए।
इस गहरे सन्नाटे में,
तूने मुझे छोड़ दिया।
मैं तन्हा रह गया हूं,
तूने मुझसे मुंह मोड़ लिया।
हर शब है तन्हाई में डूबी,
अब सुबह भी अंधेरी है।
तूने जो छोड़ा है साथ मेरा,
वो याद तेरी आख़िरी है।
गीत
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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4
ग़ज़ल:
दर्द की इन्तिहा
दर्द की इन्तिहा से गुजर गया कोई,
जैसे दिल का हर टुकड़ा, चुन गया कोई।
आंखों से अश्क भी चुप हो गए ऐसे,
जैसे जीते जी मुझे, मार गया कोई।
दर्द...
जैसे...
ख़्वाबों के महल जो बुन रखे थे मैंने,
उनको तहस-नहस कर गया कोई।
दिल की हर आहट जो सुनता था कभी,
अब उसे सन्नाटों में बदल गया कोई।
दर्द...
जैसे...
दिल के जख्मों को जो कभी भर न सका,
वो ज़हर अपने लफ्ज़ों से पिला गया कोई।
जिन राहों पे साथ चलने का वादा किया था,
उन्हीं राहों पर मुझे अकेला छोड़ गया कोई।
दर्द...
जैसे...
आंखों में जो नींद थी, अब वो खो गई,
हर रात अब सिसकियों से भरी रह गई।
वो पल जो हमने साथ बिताए थे कभी,
उन यादों को अब आग लगा गया कोई।
दर्द...
जैसे...
गीत
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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5
ग़ज़ल - तेरा चेहरा
हम तेरे दर पे खड़े हैं एक उम्मीद लिए,
सिर्फ़ इक बार तेरा चेहरा मुझे देखने दे।
दिल के वीराने में एक शम्मा जलाया है,
तू हवाओं को अब खुद से रोकने दे।
मेरी मंज़िल नहीं, बस एक सवाल है तुझसे,
जिंदगी के इस सफर में मुझे ठहरने दे।
रात ढल जाएगी पर दर्द ये रहेगा मेरा,
तू बस कुछ लम्हें मुझको यहां ठहरने दे।
हम...
सिर्फ...
तेरी आँखों में जो बुझते हैं सितारे अब,
उन्हें मेरी आँखों का नूर बनने दे।
पलकों में छुपी मेरी बरसात भी सुन ले,
आंसुओं को बहने का मौका भी देने दे।
हम...
सिर्फ...
आज की रात बस मेरे जख्मों की कहानी सुन,
तेरी ख़ामोशियों को जुबां देने दे।
काँपते हुए लफ़्ज़ों में बयां कर दूं जो,
उन्हें सुनने का एक अवसर देने दे।
हम...
सिर्फ...
अगर छोड़ना ही था तो वादे क्यों किए थे,
अब इन सवालों को हल्का सा मुझे छूने दे।
तूने प्यार किया फिर यूं बिछड़ गया क्यों,
इन सवालों का अब मुझे जवाब पाने दे।
गीत
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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6
ग़ज़ल- मेरी तन्हाई का सफ़र
बरसों तेरे ख्वाबों में खोए हैं, हर एक रात
आज इक बार मुलाकात का इशारा दे अभी।
तन्हाई में जो कांपते हैं मेरे अरमान कभी
उनको कुछ देर ठहरने का सहारा दे अभी
हम...
सिर्फ...
दिल की बेताबियों को समझ ले ज़रा
तेरे बिना ये जिंदगी का नकारा है अभी
कहां ढूंढू तुझको, ये दिल है बेकरार
तू मेरी राहों में खुद को समा दे अभी
बरसों...
आज...
मेरे सपनों में जो तेरा चेहरा छिपा है,
उसे इस रात के साए में लाने दे मुझे
बरसात की बूंदों में तेरे एहसास की खुशबू,
बस इन पलकों में जरा बस जाने दे मुझे
बरसो...
आज...
तेरे बिना हर लम्हा है जैसे अधूरा है
बस एक बार मुझे अपनी दीवानगी दे दे।
दर्द की इस रात में मेरी दास्तान जरा सुन,
मेरी आँखों के आंसुओं को जरा सिरहाना दे दे।
बरसों...
आज...
खुद हमनें दुवाओं में मांगा था खुदा से तुम्हें
बेवफा ही होना था तो चहा ही क्यों था
तकलीफों में डालकर डूबो दिया तूने मुझे
बेवफा प्यार का नाटक तूने किया है क्यों था
बरसों...
आज...
गीत
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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7
तेरी यादों की खुशबू में बसी हैं हर शाम
तेरे बिना ये दुनिया लगती है जैसे वीरान।
कहाँ हो तुम, मेरे दिल के ये प्यारे नज़ारे
तेरे इश्क़ का मुझे आज भी है इंतजार
वो गज़ब की रात थी, जब तेरा हाथ थाम्हा था,
चाँदनी में सजी रात थी,ख्वाबों का पैगाम।था
मेरी मोहब्बत की कहानियाँ आज भी गवाही हैं
कभी लिखा था नाम तेरा, दीवाल पर आज भी रोशनाई है
न जाने क्यूँ दिल में,अब भी एक आस रहती है,
तेरे लौटने की, जैसे एक प्यास सी रहती है।
वो वादियों का साया, वो फूलों की बातें,
मेरी यादों में बसी हैं, तेरी मीठी मीठी बातें।
तू दूर है फिर भी, मेरी रगों में समाई है,
तू मेरी धड़कन के, हर पल में रमाई है।
न पूछ कितने ज़ख़्म हैं दिल के कोने में,
जो तेरे बिना आज भी हैं जिंदगी कमाई है
गीत
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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8
दिल की बेवफाई
दिल की बेवफाई, हम कैसे सहें
अपने को पराया हम कैसे कहें
कभी हुआ करते थे ,वो मेंरे अपने
आज उन्हें पराया, हम कैसे कहें
दिल...
अपने...
जिनसे थे वादे, वो अब तोड़े गए,
दिल के आईने, ये सब फोडे गए
रातों की तन्हाई,और मुझे सताती है
कोई दबाई अब मेरे, काम ना आती है
दिल...
अपने...
हर ख्वाब हमारा,अब टूटा गया
जब साथ उसका ,सब छूट गया
सपनों की परछाई से भी
किस्मत भी हमसे रूठ गया
दिल...
अपने...
उम्मीद की राहें, अब हैं वीरान,
हर एक कहानी, बनती है तूफान।
रूह भी कहती, अब हिम्मत करो,
उनकी बेवफाई से,हम बहुत हैरान हैं
दिल...
अपने...
गीत
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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