1
मोनालिसा के सौंदर्य पर गीत
तेरे चेहरे में छुपी है ,इक हंसी ऐ बात,
जैसे मौसम में हो खुशबू ऐ सौगात।
तेरी आँखों में हैं अनकहे अफसाने,
जैसे हर नज़र में हो जाते हैं ऐ फसाने
तू खामोश है, पर दुनिया बोलती है,
तेरी अदाओं से कायनात डोलती है।
तेरे होंठों पे तेरा रहस्य छिपा है,
जैसे चाँद में कोई चांदनी विछा है।
तू सौंदर्य की है ,इक भोली सूरत,
जैसे दुआ में बसी है कोई मूरत।
हर नजर से तू लगती है खूबसूरत
जैसे संगमरमर से संवरती कोई मूरत
तेरी चाल में है इक खास अदा,
जैसे चलती है कोई धरा सदा।
तेरे चेहरे में छुपी है खुशी सदा
तुझमें बसती है दलकशी अदा
जितना देखूं, उतना खोता जाऊं,
तेरे हुस्न में मैं खुद को पाऊं।
जी करता है तेरे दिल में बस जाऊं
जनम जनम मैं तुझे ही पाऊं
गीत
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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2
चुपके से आई पुरवाई
सरसों की खिलती बगिया में, चुपके से आईं पुरवाई
मन में नई उमंगे लाई, चुरा रही मेरी तनहाई
चुपचाप खिला एक चांद, आसमां में है सरमाया,
राहों में बिछा एक सपना, मेरे अंगना में आ समाया
सरसों...
मन में...
आँखों में जुगनू के जैसे, झिलमिलाते कुछ सपने,
खुशबू बिखरी हवाओं में, मन में सपने हैं अपने।
दरख्तों की छांव में बैठा, ये मौसम कुछ कह गया,
दिल में बसा था जो अरमान, आज वही बयां हो गया
सरसों...
मन में...
बागों में बसी खामोशी, फूलों ने आवाज़ दी हौले हौले
रंगों से सजी धरती की बाँहें, भर आईं लाजों भोले भोले
सरगम की इस रातों ने, कानों में जगाई धुन धीमें धीमें
आसमान की बाहों में बसा, मेरे सजना हौले हौले
सरसों...
मन में...
गीत
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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3
कौन अपना, कौन पराया
दिल ने जब भी किसी को चाहा,
बेवफाई हरदम खाया
उसने हमें दिल से रूलाया।
कौन अपना, कौन पराया,
ये वक्त ने हमें समझाया।
अपनों से जो उम्मीदें थीं,
वो उम्मीदें सारी झूठी निकलीं,
जिन राहों पर चले थे हम,
वो सब वीरानी में जा मिलीं।
हर मोड़ पर साथ छूटा,
हर कदम ने हमें गिराया।
कौन अपना, कौन पराया,
ये वक्त ने समझाया।
बातों में प्यार था लेकिन,
सच में सिर्फ़ फरेब था,
जिसे समझा था हमने अपना,
वो तो सबसे बड़ा खेल था।
दुनिया के रंग अजीब हैं,
हर किसी ने बस हमें रुलाया।
कौन अपना, कौन पराया,
ये वक्त ने समझाया।
अब तो अकेले ही चलना है,
किसी से क्या आस लगाएंगे,
जो भी मिला इस सफर में,
उसे बस एक सपना बनाएंगे।
दिल अब समझ गया है,
न किसी ने हमें अपनाया।
कौन अपना, कौन पराया,
ये वक्त ने समझाया।
गीत
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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4
वादा जो तोड़ दिया
तूने जो वादा तोड़ दिया,
दिल ने खुद को छोड़ दिया।
हमने चाहा था तुझे सदा,
तूने हमें क्यों छोड़ दिया ।
राहों में जब भी मोड़ आया,
तूने हमसे किनारा किया।
हमने दिल से तुझे पुकारा,
तूने हंसकर इशारा किया।
अब वो दिन रात याद आती हैं,
जिनमें तेरा नाम लिया।
तूने कहा था संग चलेंगे,
हर मोड़ पर साथ रहेंगे ।
पर तेरे कदम रुके नहीं,
साथ मेरे कभी चले नहीं
अब खामोशी से बात करते हैं,
तेरे बिन अब उदास रहते हैं
तेरी तस्वीर जब भी देखी,
आंखों में आंसू भर आए।
तूने दिल से निकल दिया जो
हम आज भी तुझे हैं अपनाए ।
अब तो बस ये दिल की चाहत
ख़ुदा तुझे भी सबक सिखाये
जैसा किया है मेरे संग में
वैसा ही होगा तेरे संग में
गीत
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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5
खुशबू ए पैगाम
आज की रात कोई ख़ुशबू का पैग़ाम दे दे,
टूटे दिल को मोहब्बत का कोई सलाम दे दे।
जो बुझ गए हैं दीपक, फिर से जल उठें कहीं,
हर अधूरी ख़्वाहिश को मुकम्मल अंज़ाम दे दे।
आज...
टूटे..
सितारों की झिलमिलाहट में एक राग दे दे,
सन्नाटों में दबी हर ख़्वाब की आवाज़ दे दे।
सूने अंधेरों में कोई उजाला सा भर दे,
हर धड़कन को नई उम्मीद का आगाज़ दे दे।
आज...
टूटे...
सफ़र के इन रस्तों में कोई मंज़िल करीब दे दे
हर उलझन में छुपी कोई राह सही दे दे
दिलों के दरम्यान कोई रिश्ता अभु दे दे
रात के सन्नाटे में कोई सपना अपना दे दे
आज...
टूटे...
हर एक याद की परछाई फिर से जवां दे दे
दर्द की जगह अब बस मुस्कान समां दे दे
इस रात की खामोशी में कोई गीत नया दे दे
मेरे वीराने दिल में बहारों का सिलसिला दे दे
गीत
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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6
अरे चांद से चेहरे वले
ऐ चाँद से चेहरे वाले, चेहरा छुपाते क्यों हो,
ख़ामोश निगाहों से ये दूरी बढ़ाते क्यों हो।
जिसे देखकर दिल में अरमान जगते थे कभी,
अब उसी नज़र से नज़रें बचाते क्यों हो।
कभी झील सी आँखों में बसते थे सपने,
अब उन सपनों से खुद को डराते क्यों हो।
तुम्हारी हंसी थी मेरे ग़मों की दवा,
अब वही हंसी होठों से चुराते क्यों हो।
ऐ चाँद से चेहरे वाले, चेहरा छुपाते क्यों हो,
दिल की कश्ती को यूँ ही डूबाते क्यों हो।
गीतकार
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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7
आज की रात कोई प्यार की बरसात कर दे
आज की रात कोई प्यार की बरसात कर दे,
सूखे दिल में उमंगों की कोई बारात कर दे।
मेरे वीराने मन को कुछ इस तरह सजा दे,
हर दर्द को भुलाकर खुशियों की सौगात कर दे।
टूटते ख्वाबों को फिर से कोई परवाज़ मिले,
ख्वाहिशों को नई उम्मीदों की परछाई मिले।
इन खामोश लम्हों में कोई मीठी बात कर दे,
दिल की गहराइयों में छुपी हर जज़्बात कर दे।
चिरागों की रौशनी से हर साया उजागर हो,
इस रात के अंधेरों में नई सुबह का सफर हो।
मेरे आंगन को सितारों से यूं आबाद कर दे,
जैसे कोई फ़रिश्ता खुदा की करामात कर दे।
जो तमन्ना अधूरी है, वो पूरी सी हो जाए,
हर चाहत की राह में मोहब्बत की रोशनी हो जाए।
इस रात को मोहब्बत के एहसास से रंग दे,
और मेरे सूने जीवन को कोई ख़्वाबों का संग दे।
गीत
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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8
आज की रात कोई पैगाम दे दे
आज की रात कोई सर्द हवा का पैगाम दे दे
दिल के वीराने को मोहब्बत का एक जाम दे दे
जो बुझ चुके हैं चिराग, फिर से रौशन कर दे
ख्वाबों को हकीकत का कोई नया नाम दे दे
आज...
दिल...
सितारों के शहर में कुछ रोशनी के फूल दे दे
सन्नाटों में दबी हर सदा को अब तो सुकून दे दे
गुज़रते वक्त के साथ कोई मीठी सौगात दे दे
हर अधूरी कहानी को मुकम्मल मुलाकात दे दे
आज...
दिल...
आसमान के दामन में चांदनी को मुस्कुन दे दे
हर ग़म को कोई अपने दामन में पनाह दे दे
बिखरे हुए दिलों को प्यार का सम्मान दे दे
इस रात कोई फिर से खूबसूरत ख्वाब दे दे
आज...
दिल...
खामोश रातों में अब कुछ नई आवाज़ दे दे
दिलों के दरम्यान अब कोई दीवार न टूटे।
इस तन्हा सफर को कोई हमसफ़र दे दे
रात की तन्हाई में खुशियों की सौगात दे दे
आज...
दिल...
गीत
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
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