Tuesday, October 29, 2024

गजल एल्बम 29 टाईप

ग़ज़ल
दिल की कहानी फिर बयाॅं करने लगे हैं 

कहानी दिल की हम फिर बयाँ करने लगे हैं
तेरी यादों के साए में हम फिर सँवरने लगे हैं।

खफा थे तुम मगर हमको खुशी का है वहम
तेरे हर दर्द को अपने से बसर करने लगे हैं।

वफ़ा की राह पर चलते रहे हैं हम मगर
तेरी बेवफ़ाई से दिल ये डरने लगे हैं।

हवाओं में तेरी खुशबू है अब भी हर तरफ
तेरे आने की उम्मीदों में सहर करने लगे हैं।

हमारे दर्द को भी देख ले इक बार तू
तेरे ख्यालों में अब हम गुजरने लगे हैं।

 गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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2
ग़ज़ल
तेरी आवाज़ ढूॅंढते रहे

ख़ामोशी में तेरी आवाज़ ढूँढ़ते रहे
हम ख़्वाबों में तेरा साज़ ढूँढ़ते रहे।

तेरी राहों से जो गुज़रे थे कभी हम
हर गली में वो अंदाज़ ढूँढ़ते रहे।

वफ़ा के फूल तो बिछाए थे हमनें
मगर तेरा दिल का राज़ ढूँढ़ते रहे।

हर इक बात पे हम मुस्कुराते रहे
पर दिल में छुपे अल्फ़ाज़ ढूँढ़ते रहे।

तू दूर होके भी नजदीक सा लगा
तेरी आँखों में कुछ राज़ ढूँढ़ते रहे।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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3
गजल
तेरी असर 

तेरी चाहत का असर आज भी बाकी है
दिल की गहराई में दर्द की सिफ़ारिश बाकी है।

वो जो कह गए थे ख़ामोशियों में कभी
उन लफ्ज़ों की चुभन आज भी बाकी है।

तेरे बिना जी तो लेंगे मगर ऐ दोस्त
इन आँखों में तेरी ख़्वाहिश आज भी बाकी है।

रूह से जुड़ा है कुछ इस तरह से तेरा साथ
हर सांस में तेरी आहट आज भी बाकी है।

वक़्त के हाथों से मिटा देंगे तेरे निशां
पर दिल में तेरा एहसास आज भी बाकी है।
गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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4
गजल
बसर कर गये 

इक तेरी याद में उम्र बसर कर गए
हर दर्द को हँस के सफर कर गए।

तन्हाइयों में तेरी खुशबू बसी है
हर लम्हा तुझे याद कर कर गए।

वफ़ा की राह में चले तो सही हम
मगर तेरी खातिर जहर भर गए।

दिल में तेरी मोहब्बत का जुनून था
तेरे लिए खुद को बिखर कर गए।

अब लौट आओ की बस ये दिल कह रहा
हम तेरे इंतजार में ठहर कर गए।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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5
गजल
तेरी राहों में 

तेरी राहों में नज़रें बिछाए बैठे हैं
तेरे लौट आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

हर ख़्वाब में तेरा चेहरा सजाए बैठे हैं,श
अपने दर्द को हँसी में छुपाए बैठे हैं।

तेरी बेवफ़ाई का ग़म भी है मगर
फिर भी दिल को तसल्ली दिलाए बैठे हैं।

वो शामें, वो बातें भुलाए नहीं जाते
तेरी यादों का चिराग जलाए बैठे हैं।

अब लौट भी आओ कि थक गए हम
तुम्हारी बाहों का ख़्वाब सजाए बैठे हैं।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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6
गजल
दिल की बातें जुबां तक कभी आई नहीं
तेरी यादों के बिना रात कट पाई नहीं।

ख़ामोशियों में भी तू ही बसा है कहीं
तेरी चाहत की कोई हद दिखाई नहीं।

तू चला गया पर ख़्वाब अभी तक हैं तेरे
इस दिल से तेरी राह मिटाई नहीं।

तेरे बिना जी तो लेंगे हम यकीनन
पर ये दुनिया हमें रास आई नहीं।

वक़्त के साथ ज़ख्म भर तो जाएंगे
मगर तेरी कमी दिल से जुदा हो पाई नहीं।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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7
गजल
ख्वाब बनके निगाहों में आता रहा

तू ख्वाब बनके निगाहों में आता रहा
हर दर्द को दिल से लगाता रहा।

तेरे बिना इस दिल को चैन ना मिला
तेरी राहों में सारा जहां भुलाता रहा।

इक तेरी याद ने ऐसा असर कर दिया
हर खुशी को हँस कर बहलाता रहा।

कभी चाहा तुझे भुला दूं दिल से
मगर हर बार तेरा नाम दोहराता रहा।

जिंदगी की राह में अकेला हूँ मैं
तेरी यादों का दिया जलाता रहा।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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8
गजल
चाहत का असर बाकी है 

तेरी चाहत का अब भी असर बाकी है
दिल में कहीं वो खंजर बाकी है।

माना कि तूने हमें भुला दिया होगा
पर मेरे दिल में तेरा सफर बाकी है।

हर राह पर तेरी खुशबू है बसी
हर लम्हे में तेरा असर बाकी है।

वो वादे जो किए थे तुमने कभी
उन वादों का अब भी असर बाकी है।

तू दूर हो गया है इस जहान से
मगर आँखों में तेरा नगर बाकी है।

गजल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 

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