1--ग़ज़ल
तेरी यादों का ये आलम तो है...
तेरी राहों से जुड़ा हर कदम... मेरे नाम तो है
दिल की चाहतों में बसा एक गम... अरमान तो है।
चाहे जो तू कहे, अपना मान ले या न ले
तेरे जिक्र में छुपा मेरा भी पैगाम तो है।
मेरे हिस्से में सुकून आए या न आए
तेरी खुशबू में सजा हर एक शाम तो है।
लोग कहते हैं तेरा जिक्र कर मैं रोता हूॅं
पर मोहब्बत का यही अंजाम तो है।
देखकर मुझे हॅंसी आए तुझे या न आए
इस दिल को हर दर्द से आराम तो है।
ग़ज़ल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
----------------------------------
2
ग़ज़ल
तेरी यादों का ये आलम तो है...
तेरी राहों से जुड़ा हर क़दम... मेरे नाम तो है
दिल की चाहतों में बसा एक ग़म... अरमान तो है।
मेरा सब कुछ लुटा, फिर भी शिकवा नहीं,
तेरे प्यार में मिला हर सितम... इनाम तो है।
तू चाहे दूर रहे, फिर भी पास लगता है
इस दिल के हर कोने में तेरा पैग़ाम तो है।
हर दुआ में तेरा नाम निकल आता है
ये इश्क़ है या रूह का कोई इम्तिहान तो है।
लोग कहते हैं दीवाना हूॅं तेरा, मैं मानता हूॅं
मुहब्बत में खोने का अपना एक मुकाम तो है।
चाहे तू मुझे भूले या याद करे कभी
तेरी यादों का दिया हरदम मेरे साथ तो है।
ग़ज़ल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
----------------------+++++++
3
ग़ज़ल
तेरी यादों का ये आलम तो है...
तेरी राहों से जुड़ा हर कदम... मेरे नाम तो है,
दिल की चाहतों में बसा एक गम... अरमान तो है।
तूने चाहा न कभी, फिर भी ख्वाब तेरा देखा,
मेरे दिल की किताब में तेरा मुकाम तो है।
हर आहट पे तुझे पाने की हसरत जागे,
ये मोहब्बत का जुनून और ये गुलाम तो है।
तेरा चेहरा न दिखे, फिर भी तसव्वुर में है,
इस दर्द में भी छुपा कोई सलाम तो है।
तू चाहे दिल से मेरे दूर कहीं हो जाए,
तेरे वादों की सदा में मेरा इंतकाम तो है।
इक तेरा नाम ही दवा सा लगता है,
वरना इस दिल-ए-बीमार का अंजाम तो है।
ग़ज़ल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
-----------------------------
4
ग़ज़ल
तेरी यादें
तेरी राहों से जुड़ा हर क़दम... मेरे नाम तो है
दिल की चाहतों में बसा एक गम... अरमान तो है।
मेरे अश्कों ने लिखी तुझसे वफ़ा की दास्ताॅं
हर ऑंसू में छुपा कोई इल्हाम तो है।
तूने चाहा मुझे या न चाहा, मुझे क्या परवाह,
मोहब्बत में हर हाल में अंजाम तो है।
तेरी बातें, तेरा लहज़ा आज भी याद है
ख़ामोशी में छुपा तेरा सलाम तो है।
दिल ने माना कि दूरी सही पर इकरार भी
तेरी यादों में हर रात का जाम तो है।
तू अगर पास नहीं, दर्द भी शिक़ायत नहीं
इस दिल को तसल्ली का ये आराम तो है।
हर दुआ में बस तेरा ही ज़िक्र होता रहा
मेरे इश्क़ में रूह का कोई पैग़ाम तो है।
ग़ज़ल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
---------------------------
5
गजल
ख़्वाब टूटे मगर रोशनी बाक़ी है...
ख़्वाब टूटे म़गर रोशनी बाकी है
इस मोहब्बत की इक बंदगी बाक़ी है।
तू जो बिछड़ा, तो दुनिया अधूरी लगी
दिल की मिट्टी में पर ताज़गी बाक़ी है।
जख़्म गहरे सही, दर्द सहता रहा,
इश्क़ में फ़िर भी इक सादगी बाक़ी है।
ख़ुद को खोया है मैंने तुझे पाने में
अब भी साॅंसों में वो ताज़गी बाक़ी है।
तेरे जाने से उजड़ा है जीवन मग़र
आस के चाॅंद में थोड़ी लकीर बाक़ी है।
ग़ज़ल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
-------------------------++-
6
ग़ज़ल
मैं चुप हूॅं, मग़र सवाल बाक़ी है...
मैं चुप हूॅं, मग़र सवाल बाक़ी है
तेरे वादों का क्या हाल बाक़ी है।
तू गया तो हर चीज़ वीरा़न हुई
पर खंडहरों में भी इक चाल बाक़ी है।
दिल ने चाहा तुझे पूरी वफ़ा के साथ
फ़िर भी क़िस्मत का जंजाल बाक़ी है।
तेरे जाने से सन्नाटा छा गया
पर हवा में तेरा ख़्याल बाक़ी है।
तू समझा नहीं मेरे दर्द की जुबां
मेरे अश्कों में इक हाल बाक़ी है।
ग़ज़ल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
-----------------------------
7
ग़ज़ल
तेरे बिना मेरी तन्हाई का आलम है...
तेरे बिना मेरी तन्हाई का आलम है
हर एक लम्हा जैसे एक पैग़ाम है।
तू जो चला गया, तो क्या बचा यहाॅं
मेरे दिल में अब तक तेरा नाम है।
तेरे जाने की कोई सूरत नहीं थी
फिर भी इस दिल में तेरी राहों का काम है।
हर जगह तेरी यादों का साया है
मेरे ख़्वाबों में बस तेरा ही तमाम है।
ज़िंदगी की किताब अब अधूरी है
क्योंकि इसमें तेरा कोई चैप्टर नहीं है।
ग़ज़ल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
---------------------------
8
ग़ज़ल
तेरे बिना सब कुछ अधूरा सा लगता है...
तेरे बिना सब कुछ अधूरा सा लगता है
हर एक लम्हा खो सा जाता है।
तेरी आवाज़, तेरी सूरत, हर एक बात
अब इनसे ही दिल जुड़ा सा जाता है।
इश्क़ के सफ़र में ख़ामोशी की राहें
तेरी यादों का आसरा बन जाता है।
तेरे जाने से घुटन सी बढ़ गई है
हर पल अब इक सवाल सा बन जाता है।
तू नहीं तो कुछ भी नहीं है यहाॅं
इस दिल की रूह अब तुझमें खो जाती है।
ग़ज़ल
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर
No comments:
Post a Comment