Monday, December 2, 2024

गज़ल एलबम 53

1
ग़ज़ल 
राहें कदम
नयी राहों पर क़दम बढ़ाना सीख ले
हर क़दम पर तू नया फ़साना सीख ले।

ये जो दर्द हैं तेरी कहानी के लिए
दर्द में भी मुस्कुराना सीख ले।

हर सफर में आएंगे कुछ मोड़ अजनबी
ख़ुद से ख़ुद को आज़माना सीख ले।

जो मिला नहीं अब तक, मिलेगा यक़ीनन 
दिल में उम्मीदें जगाना सीख ले।

दुनिया के रंग-ढंग हैं बदलते हर घड़ी
हर रंग को अपनाना सीख ले।

ख़ुदा की राहों पर बढ़ा तो पाएगा सुकून
राहते-ए-दिल को पाना सीख ले।
ग़ज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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2
ग़ज़ल 
झोंका
हर झोंका तुझको सहारा दे सकता है
मग़र तू ख़ुद को किनारा दे सकता है।

हर दर्द का चेहरा बदलता रहता है
तू अपने अश्कों को गवारा दे सकता है।

जो खो गया वो फिर लौटेगा कब
ख़ुद को नई रोशनी का इशारा दे सकता है।

हर शख़्स यहाँ एक मंज़र ढूॅंढ रहा
तू अपने ख़्वाबों को नज़ारा दे सकता है।

जो गिर के संभला, वही राही बना
तू अपनी गिरती चाल को सहारा दे सकता है।

जो टूटे दिल को जोड़ना चाह रहा
तू अपने जज़्बात को सहारा दे सकता है।
ग़ज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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3
ग़ज़ल 
गुजरती राहें
गुज़रती राहों से गुज़रना सीख ले
हर ग़म में ख़ुशियों को बिखरना सीख ले।

जो अपने साये से भी डरने लग गया
उसे अकेलेपन में निखरना सीख ले।

जो ठहर गए हैं तूफ़ानों के साथ
उनसे लहरों पर भी ठहरना सीख ले।

ज़माना हर घड़ी आज़माएगा तुझे
तू ख़ुद को हर बार सँभालना सीख ले।

जो दिल में उम्मीद की बात कर गए
उन चिराग़ों से रौशनी भरना सीख ले।

मंज़िलें तुझे पुकारेंगी हर तरफ़
तू अपने क़दमों को टिकाना सीख ले।
ग़ज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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4
ग़ज़ल 
सफ़र 
सफ़र में ख़ुद का सहारा बनाना सीख ले
ग़मों के साये में मुस्कुराना सीख ले।

जो वक्त ठहर गया तुझे रोकने,
उसी वक्त को आज़माना सीख ले।

ये रास्ते तेरे लिए बने ही नहीं,
तू ख़ुद अपना रास्ता बनाना सीख ले।

दुनियाॅं की चाल से तू हारा नहीं,
अपने दिल को जीत जाना सीख ले।

हर एक चोट तुझे सबक दे रही,
उन घावों को अपना बनाना सीख ले।

मुकाम पाना है तो थकना नहीं,
चलते-चलते दर्द छुपाना सीख ले।
ग़ज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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5
ग़ज़ल 
नया आईना
ख़ुद को नया आईना दिखाना सीख ले
हर ज़ख़्म को अपना फ़साना सीख ले।

तूफ़ान आएं तो डरना नहीं कभी
लहरों से रिश्ता निभाना सीख ले।

हर राह में काॅंटे मिलेंगे बेशुमार
फ़िर भी इन राहों को सजाना सीख ले।

जो बिखर गया है, वो जुड़ सकता है
टूटे हुए दिल को मनाना सीख ले।

दुनिया के रंग रोज़ बदलते रहेंगे
अपने सपनों में रंग भरना सीख ले।

जो हार गया, वही सिखा है बहुत
अपनी हार से जीत पाना सीख ले।
गज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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6
ग़ज़ल 
ज़ख़्मों की कहानी 
जख़्मों को अपने कहानी बनाना सीख ले
हर दर्द को एक निशानी बनाना सीख ले।

ख़ुशबू की चाह में काॅंटे मिलेंगे
उन काॅंटों से भी ज़ुबानी बनाना सीख ले।

दुनियाॅं तुझे हर घड़ी परखेगी
अपने वजूद को ज़वानी बनाना सीख ले।

राहों में छाॅंव भी होगी और धूप भी
हर हाल में मुस्कुराना सीख ले।

जो छूट गया, उसे अब भूल जा
ख़ुद को नई जिंदगानी बनाना सीख ले।

गिर-गिर के फ़िर से उठेगा यक़ीनन 
अपने हौसले को कहानी बनाना सीख
ग़ज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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6
ग़ज़ल 
ॲंधेरों में 
ॲंधेरों में ख़ुद को जलाना सीख ले
हर दर्द को दिल से लगाना सीख ले।

जो रोशनी छीन ले जाए तुझसे
उससे भी चिराग़ बनाना सीख ले।

कदमों में चुभें जो काॅंटे राहों के
उनसे हौसले को सजाना सीख ले।

ग़मों से रिश्ता पुराना होगा तेरा
मगर हर ग़म को भुलाना सीख ले।

जो छूट गए तुझे राह चलते हुए
उन यादों को छोड़ जाना सीख ले।

मंज़िल तो मिलेगी, ये यकीं कर ले
बस ख़ुद को राह दिखाना सीख ले
ग़ज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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7
ग़ज़ल 
तेरी यादों में 
तेरी यादों में खो जाने से डरता हूँ
ग़मों को फिर से दोहराने से डरता हूँ।

हर क़दम पर अब भी तेरे निशान हैं
उन रेशमी रास्तों से टकराने से डरता हूँ।

जो बेवफ़ा थे कभी मेरे साथ
उनसे फिर से मुस्कुराने से डरता हूँ।

तू आए तो ग़म मिट जाएँगे सब
फिर भी तेरे सामने आने से डरता हूँ।

जो बीत गया, वही राज़ था दिल में
अब उसे फिर से ज़िंदगी में लाने से डरता हूँ।

मुझे छोड़ने के बाद भी तेरे करीब हूँ
इस सच्चाई से फिर भी झूॅंठ बोलने से डरता हूँ।
ग़ज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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8
ग़ज़ल 
हर ऑंसू को एक मुस्कान 
हर आँसू को एक मुस्कान में बदलना सीख ले
ग़मों को अपने गीतों में ढलना सीख ले।

जो दिल में है, वो ज़ुबाॅं पर लाना है
हर दर्द को अपनी कहानी में पिरोना सीख ले।

कभी ना कभी तो तू ख़ुद को पाएगा
अपनी खामियों को गले लगाना सीख ले।

जो टूट गया, उसे फिर से जोड़ना है
अपने ज़ख्मों को राहत में बदलना सीख ले।

इस दुनिया से रुखसत होने से पहले
अपनी यादों को अमर बनाना सीख ले।

हर रुकावट को अब तेरा डर नहीं होगा
अपनी राह को फ़िर से चुनना सीख ले।
ग़ज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 



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