Thursday, December 12, 2024

ग़ज़ल एल्बम 56

1
ग़ज़ल 
तूने वादा किया था साथ निभाने का
फिर क्यों चुना रास्ता बेवफ़ाई का।
ख़्वाब जो देखे थे साथ में हमने
अब हर सपना है निशान तन्हाई का।

तेरे लफ़्ज़ों में वो मिठास थी,
जो ज़हर बन गया मेरी जुदाई का।
दिल ने चाहा तुझे उम्रभर के लिए
पर तूने मज़ाक बनाया वफ़ाई का।

अब हर दिन है ग़म का साथी
और हर रात गवाह है रुसवाई का।
कभी सोचा था कि तेरा ही रहूँगा
पर सबक सीखा दिया बेवफ़ाई का।

अब न शिकवा, न शिकायत बाकी
बस किस्सा बन गया हूँ परछाई का।
तेरी यादों से नफ़रत भी नहीं करता
बस दर्द सहता हूँ, ये सच्चाई का।
ग़ज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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2
ग़ज़ल 
बेवफ़ाई की दास्तां

दिल के दरिया में तूफ़ान आया
जिसे अपना समझा, उसे बेगाना पाया।
तेरी आँखों में थी वफ़ा की चमक
पर पीछे मुड़ा तो बेवफ़ाई का साया।

वो वादे, वो कसमें, सब झूॅंठे निकले
तुझे चाहा, पर रास्ते मेरे सूने निकले।
जिन ख़तों में लिखा था प्यार तेरा
वहीं अल्फ़ाज़ अब ज़हर के चूने निकले।

तूने जो दिया, वो दर्द था बस
मेरे अश्कों में भीग गया हर रस।
अब तेरी यादें भी बोझ लगती हैं
सपनों का महल बन गया विराने बस

जिंदगी ने सबक सिखा दिया
तेरी बेवफ़ाई ने रास्ता दिखा दिया।
अब तेरा नाम भी नहीं लूँगा कभी
दिल से हर ज़ख्म मैंने छुपा दिया।
ग़ज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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3
ग़ज़ल 
बेवफ़ाई का मंजर

जिसे दिल दिया, उसी ने तोड़
मेरी मोहब्बत को हॅंसी में मोड़ा।
तेरे वादों की परछाई झूॅंठी निकली
दिल का हर कोना अब ख़ाली छोड़ा।

चाहा था तुझे ख़ुद से भी ज़्यादा 
पर तुझे क्या मिला ये दर्द बढ़ा के?
तेरे इश्क़ में ख़ुद को भुला दिया
और तूने मज़ाक बना दिया वफ़ा के।

तेरे बिना जीने का हुनर सीख लिया
खुद को दर्द के समंदर में डूबा लिया।
अब तेरी बेवफ़ाई का ग़म नहीं करता
बस यादों का धुंधला आईना बना लिया।

ये ज़िंदगी अब किसी मोड़ पर जाएगी
तेरे ज़ख्मों से ही तो ताक़त आएगी।
तूने जो किया, उसका गिला नहीं
तेरी बेवफ़ाई ही मेरी दुआ बन जाएगी।
ग़ज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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4
ग़ज़ल 
बेवफ़ाई का दर्द

तू जो अपना था, अब पराया लगा
तेरे जाने से हर रिश्ता अधूरा लगा।
ख़ुदा से माॅंगी थी जो दुआ तेरे लिए
वही दुआ अब सज़ा सा लगा।

तेरी वफ़ा का हर सितारा बुझ गया
दिल का हर कोना वीरान हो गया।
तेरे साथ जो ख़्वाब सजाए थे कभी
अब वो सारे ख़्वाब धुंधलाने लगे।

तेरे इश्क़ का हर क़िस्सा अधूरा निकला
तेरी हर क़सम से धोखा मिला।
जिसे चाहा था रूह से ज्यादा
वही दिल का ज़ख्म गहरा मिला।

अब शिकवा नहीं, न कोई सवाल बाक़ी 
तेरे बिना जीने का हुनर है बाक़ी।
तेरी बेवफ़ाई ने जो दर्द दिया
वो मेरे ख़्वाबों का हिस्सा बना बाक़ी।
ग़ज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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5
ग़ज़ल 
बेवफ़ाई का असर

चाहा था जिसे, वो बेगाना हो गया
जो कभी अपना था, अंजाना हो गया।
ख़्वाबों में जिसके सजाया था ज़हाॅं
वो ही मेरे दिल का फ़साना हो गया।

वफ़ा के नाम पर बस छल मिला
उसकी यादों में ग़म का पल मिला।
दिल ने चाहा था जिससे उजाला
वही बन गया अब ॲंधेरे का किला।

ऑंखों ने देखा हर सपना टूटता
रूह ने महसूस किया दर्द झरता।
तेरी हर बात अब ज़हर सी लगती है
तेरी यादें भी दिल को कुरेदती हैं।

मग़र अब तेरी चाहत का ख़्वाब नहीं
तेरी बेवफ़ाई का हिसाब नहीं।
तेरे बिना जीना सीख लिया मैंने
ख़ुदा से बस अपना नसीब माॅंग लिया मैंने।
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6
ग़ज़ल 
बेवफ़ाई की रातें

चाॅंदनी रातें अब काली लगती हैं
तेरी बातें बस खाली लगती हैं।
जिसे सोचा था सुकून का सहारा
वही वज़ह मेरी बदहाली लगती हैं।

तेरी क़समों के टुकड़े समेटे हैं मैंने
हर ज़ख्म को अश्कों से धोते हैं मैंने।
जिस दिल को तेरा मोल न समझ आया
उस दिल से सारे ख़्वाब तोड़े हैं मैंने।

तेरी हॅंसी में वो चुभन छुपी थी
तेरी वफ़ा भी एक कहानी बनी थी।
जिसे चाहा था रूह से गहराई तक
उसकी चाहत अब बेवफ़ा बनी थी।

अब तन्हाई से दोस्ती कर ली है
दिल की हर चीख़ दबी कर ली है।
तेरे दिए दर्द को गले लगाकर
इस बेवफ़ाई की हद क़बूल कर ली है।
ग़ज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 
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7
ग़ज़ल 
बेवफ़ाई का दर्द

तूने जो राहें अलग चुन लीं
हमने वो मंज़िलें छोड़ दीं।
तेरे बिना हर ख़्वाब अधूरा
तेरे बिना हर ख़ुशी तोड़ दी।

जिस दिल ने तुझसे वफ़ा निभाई
उसी दिल को तन्हाई सौंप दी।
तेरे नाम की जो थी धड़कन
उस धड़कन को भी रोक दी।

तेरी मोहब्बत से बड़ी चाहत थी
पर तूने क़दर न जानी थी।
तेरी वफ़ा का हर रंग झूॅंठा 
हमने अपनी रूह से पहचानी थी।

अब तेरी यादें सुकून नहीं देतीं
बस ज़ख्मों में नमी भर देतीं।
तेरी बेवफ़ाई का हर लम्हा
दिल की हर ख़ुशी छीन लेती।

लेकिन अब दर्द का सागर थम गया है
बेवफ़ाई का हर लम्हा ख़त्म गया है।
तेरी यादें भी अब धुंधला गईं
और मेरी ज़िंदगी नए रास्ते पर चल पड़ी है।
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8
ग़ज़ल 
बेवफ़ाई के आँसू

तेरी बाहों में जो सुकून था कभी
अब वही दर्द का फ़साना हुआ।
जिसे माना था ख़ुदा से बढ़कर
वो शख़्स अब बेगाना हुआ।

तेरी वफ़ाओं के झूॅंठे क़िस्से
मेरे दिल को हर रोज़ जलाते हैं।
जो ख़्वाब थे तेरे साथ के
अब वही ख़्वाब रुलाते हैं।

चाहा था तुझे रूह की गहराई तक
पर तेरा दिल किसी और का हो गया।
मेरे हिस्से आई तन्हाई की रातें
और तेरा जहाॅं रोशन हो गया।

अब शिकवा नहीं, गिला भी नहीं
बस ज़ख्मों से रिश्ता जुड़ गया है।
तेरी बेवफ़ाई ने जो दर्द दिया
वो मेरा अपना सा बन गया है।

तू ख़ुश रहे अपनी दुनियाॅं में
मैं भी अब ज़िंदा रहना सीख लूॉंगा।
तेरी यादें जो जलाएंगी मुझे
उनसे अपना रास्ता रोशन कर लूॅंगा।
ग़ज़ल 
आर्टिस्ट चन्द्रपाल राजभर 

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